बिहार के कद्दावर राजनेता और राजद (RJD) के वरिष्ठ नेता रमई राम (Ramai Ram) का आज पटना के मेदांता हॉस्पिटल में इलाज के दौरान निधन हो गया. वह काफी समय से बीमार चल रहे थे. उन्हें पिछले दिनों उपचार हेतु मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. 78 वर्षीय रमई राम (Ramai Ram News) के सियासी पारी की कहानी बेहद ही दिलचश्प है. वह लगभग सभी दल यानि जेडीयू, कांग्रेस, लोकदल, जनता पार्टी, हिंदुस्तान शोषित दल और बिहार की मौजूदा समय में विपक्षी पार्टी और 15-15 साल तक सत्ता में रहने वाली पार्टी आरजेडी में भी रहे हैं. सूबे में चाहे जिसकी सरकार रही हो लेकिन रमई राम का कद व पद कभी भी कम नहीं हुआ.
लालू और नीतीश दोनों का राज में रह चुके हैं मंत्री
रमई राम लालू और नीतीश दोनों की सरकार के दौरान मंत्री रह चुके थे. रमई राम लगभग तीन दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे. उन्होंने जनता पार्टी, लोकदल, जनता दल, आरजेडी, कांग्रेस, लोजपा और जेडीयू के बाद वीआईपी में भी रहे.
9 बार रहे विधायक
रमई राम ने अपने राजनीतिक करियर में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए थे. मुजफ्फरपुर की बोचहां सीट से लगातार 9 बार चुनाव जीतने वाले रमई राम बिहार सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभाल चुके थे. सियासी जानकार यह भी बताते हैं कि चाहे जो भी पार्टी रही हो, चाहे जो भी नेता रहा हो लेकिन वह रमई राम के वोट बैंक में कभी भी सेंधमारी नहीं कर सका. रमई राम का अपना अलग ही और सेफ वोट बैंक था.
5 बार रह चुके हैं मंत्री
रमई राम एक बार नहीं, दो बार नहीं बल्कि 5-5 बार बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं. 1990 से लेकर 2015 तक बिहार में चाहे जिस पार्टी की सरकार रही हो लेकिन रमई राम को मंत्री पद जरूर मिला. हालांकि, 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में रमईराम को निर्दलीय प्रत्याशी बेबी कुमारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. अपने अंतिम दिनों में वह एक बार फिर से अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में आ गए थे.
Source : Pramod Tiwari