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राजद अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव को झारखंड हाई कोर्ट से मिली जमानत पर जेल से नहीं निकल पाएंगे

लालू प्रसाद यादव की तरफ से इस मामले में सजा की आधी अवधि गुजर जाने को आधार बनाकर जमानत याचिका दायर की गई थी.

Updated on: 12 Jul 2019, 03:09 PM

नई दिल्‍ली:

बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और राष्‍ट्रीय जनता दल के अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में देवघर ट्रेजरी से जुड़े एक मामले में झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. लालू प्रसाद यादव की तरफ से इस मामले में सजा की आधी अवधि गुजर जाने को आधार बनाकर जमानत याचिका दायर की गई थी. अदालत ने उन्हें 50-50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी. अदालत ने उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है.

लालू प्रसाद यादव ने 13 जून को झारखंड हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी. हालांकि चाईबासा-दुमका कोषागार मामले में RJD अध्‍यक्ष को जमानत नहीं मिली है, इसलिए अभी वह जेल में ही रहेंगे. लालू प्रसाद यादव के लिए राहत की बात यह है कि वकील देवघर कोषागार केस में मिले जमानत को आधार बनाकर दुमका-चाईबासा कोषागार केस में जमानत के लिए याचिका डाल सकते हैं.

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चारा घोटाले में देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख 27 की अवैध निकासी के मामले में कोर्ट ने 23 दिसंबर 2017 को लालू को दोषी ठहराया था. इस मामले में लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 3.5 साल कारावास की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, सजा की आधी अवधि काटने के बाद दोषी को जमानत दी जा सकती है, इसी आधार पर लालू प्रसाद यादव की ओर से जमानत याचिका दाखिल की गई थी. बता दें कि लालू 17 मार्च 2018 से रांची के रिम्स में भर्ती हैं और अपना इलाज करा रहे हैं.