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केके पाठक पर RJD नेता का हमला, बोले- ... कान पकड़कर बाहर कर देना चाहिए

केके पाठक और शिक्षा मंत्री के बीच चल रहे विवाद में RJD के कई नेता कूद पड़े हैं. RJD प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने केके पाठक पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि के के पाठक को क्या चाहिए मुझे पता है.

Updated on: 05 Jul 2023, 01:01 PM

highlights

  • केके पाठक पर RJD का हमला
  • RJD नेता भाई वीरेंद्र बोले-अधिकारी सरकार का फजीहत करते हैं 
  • भाई वीरेंद्र बोले-अपनी मनमर्जी का काम करते हैं केके पाठक

Patna:

केके पाठक और शिक्षा मंत्री के बीच चल रहे विवाद में RJD के कई नेता कूद पड़े हैं. RJD प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने केके पाठक पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि के के पाठक को क्या चाहिए मुझे पता है. मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग करूंगा कि ऐसे अधिकारियों को कान पकड़कर बाहर कर देना चाहिए. यह लोग सरकार को बदनाम कर रहे हैं. ऐसा क्यों कर रहे हैं इन सभी चीजों की जानकारी है और उचित समय पर हम लोग फैसला लेंगे.

अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज हुए मंत्रीजी

आपको बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभागीय अपर मुख्य सचिव के बीच ठनी हुई है. शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर अपने विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज हैं. इसके लिए उन्होंने अपर मुख्य सचिव केके पाठक को पीत पत्र भेजा है. इसके साथ ही मंत्री ने विभाग के निदेशक स्तर के पदाधिकारियों को भी पीत पत्र भेजा है. शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने अपने पत्र में लिखा है कि ऐसा देखा जा रहा है कि कई मामलों में सरकार के कार्य संहिता के हिसाब से काम नहीं कराए जा रहे हैं. राजपत्रित अधिकारियों को उनके पद के अनुसार काम नहीं दिए जा रहे हैं. विभाग के अधिकारियों से उनके पद से नीचे स्तर के काम लिए जा रहें हैं. इसलिए इस तरह की कार्यशैली में सुधार लाने की जरूरत है.

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कार्रवाई की दी चेतावनी

शिक्षा मंत्री ने एसीएस केके पाठक को 'हीरो बनने' वाले कामों से दूर रहने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि आईएएस केके पाठक अपनी रॉबिनहुड छवि चमकाने, सुर्खियों में आने और राजनेताओं का ध्यान खींचने के लिए ऐसे काम कर रहे हैं, जिससे विभाग के बारे में निगेटिविटी फैल रही है. इसके साथ ही चंद्रशेखर ने मीडिया के साथ सूचना साझा करने को लेकर भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया के साथ सूचना साझा करने के दौरान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की एसओपी का पालन किया जाए. बंद कमरों में होने वाली बैठकों की जानकारी लीक न की जाए. ऐसा कोई कृत्य न किया जाए, जिससे कि विभाग के बारे में नकारात्मकता फैले. कोई भी अधिकारी इसका उल्लंघन करते पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.