बिहार (Bihar) में विधानसभा चुनाव से पहले 5 सीटों पर होने वाले राज्यसभा चुनाव में ही कांग्रेस (Congress) को राष्ट्रीय जनता दल ने बड़ा झटका दिया है. चुनावी साल में मौजूदा नीतीश सरकार को हटाने का दम भरने कांग्रेस और राजद की दोस्ती में गहरी दरार पड़ गई है. जिसका नतीजा यह है कि राजद (RJD) ने एकतरफा फैसले लेते हुए 2 राज्यसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. राजद ने प्रेमचंद्र गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह को राज्यसभा (Rajya Sabha) का उम्मीदवार बनाया है.
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इससे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि राज्यसभा चुनाव में ही कांग्रेस और आरजेडी की यारी टूट गई है. लालू प्रसाद ने अपने सहयोगी दल कांग्रेस की बात नहीं मानी और दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए. ऐसा इसलिए है कि कांग्रेस लगातार अपने उम्मीदवार के लिए राजद पर दबाव बनाए हुए थी. खुद बिहार के कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने पत्र लिखकर राजद को अपना वादा निभाने को कहा था. लेकिन कांग्रेस की तरफ से लगातार बन रहे दबाव के बाद भी राजद प्रमुख लालू यादव ने अपने खास लोगों को राज्यसभा भेजना का फैसला किया.
दरअसल, राजद अपने दो प्रत्याशी देनी चाहती है, जबकि कांग्रेस अपने बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल या पार्टी नेता शत्रुघ्न सिन्हा के लिए एक सीट पर दावा कर रही थी. कांग्रेस का कहना था कि लोकसभा चुनाव के वक्त राजद ने कांग्रेस को 9 सीटों के अतिरिक्त राज्यसभा की भी एक सीट का आश्वासन दिया था. वक्त आया है तो मांगा जा रहा है. वहीं राजद की ओर से भी दबाव की राजनीति जारी रही. उसने इनकार की पृष्ठभूमि बनाए रखी.
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खास बात यह रही कि इस बार राज्यसभा सीटों पर फैसला लालू प्रसाद को करना था. अब राजद ने दो सीटों पर एकतरफा प्रत्याशी घोषित कर दिए. जिससे कांग्रेस और राजद की यारी में विधानसभा चुनाव से पहले ही टूट पड़ गई है. लिहाजा तय माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों पार्टियों के बीच की खटास बड़ा रूप ले सकती है. बहरहाल, देखने वाली बात यह होगी कि क्या कांग्रेस इसके बावजूद राज्य के विधानसभा चुनाव में राजद के साथ खड़ी होगी या फिर अन्य दलों के साथ मिलकर चुनावी अखाड़े में दम भरेगी.
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