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सोनिया गांधी से हुई चर्चा पर बोले लालू, समान विचारधारा को मजबूत विकल्प बनाने की जरूरत 

बिहार में राजद और कांग्रेस (RJD-Congress) के बीच गठबंधन के टूटने की खबरों को लेकर बीते दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी(Sonia Gandhi) ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से बातचीत की.

Updated on: 27 Oct 2021, 01:54 PM

नई दिल्ली:

बिहार में राजद और कांग्रेस (RJD-Congress) के बीच गठबंधन के टूटने की खबरों को लेकर बीते दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी(Sonia Gandhi) ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से बातचीत की. दोनों के बीच दस मिनट तक कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई.  इस बारे में लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को ट्वीट कर बताया कि मैंने सोनिया गांधी से बात की. उन्होंने मुझसे मेरी कुशलक्षेम के बारे में पूछा. मैंने कहा, मैं ठीक हूं,आपकी पार्टी एक अखिल भारतीय पार्टी है इसलिए सभी समान विचारधारा वाले लोगों और पार्टियों को एक मजबूत विकल्प (सत्तारूढ़ पार्टी) बनाने के लिए बैठक बुलानी चाहिए.

गौरतलब है कि बिहार में दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर बयानबाजी को लेकर कांग्रेस और राजद के संबंधों में खटास देखने को मिली. इस बीच सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बीच बातचीत को काफी अहम माना जा रहा है. बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को एआईसीसी महासचिवों, राज्य प्रभारियों और पीसीसी अध्यक्षों के संग एक अहम बैठक की थी। इसके बाद उन्होंने लालू यादव (Lalu Yadav) से फोन पर बातचीत की.

हमलावर हुए लालू यादव

बिहार लौटते समय लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने उपचुनाव को लेकर कहा था कि कांग्रेस को सीट दे देते तो जमानत जब्त हो जाती. इसके साथ लालू यादव ने दिल्ली से पटना के लिए निकलते समय बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास के लिए आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया था। इसके बाद से कयास लगाया जा रहा था कि महागठबंधन में कड़वाहट बढ़ने लगी है। इस दौरान कांग्रेस ने लालू यादव से अपने बयान वापस लेने की मांग की थी। 

कांग्रेस है राष्ट्रीय विकल्प 

हालांकि इसके बाद लालू यादव (Lalu Yadav) ने कहा कि वह आज भी कांग्रेस को राष्ट्रीय स्तर पर एक विकल्प के तौर पर देखते हैं. उन्होंने कहा कि वह आज भी कांग्रेस को 'राष्ट्रीय विकल्प' मानते हैं, जिसकी देश को जरूरत है. उन्होंने कांग्रेस के साथ हुई तकरार के लिए छुटभैया नेताओं को जिम्मेदार ठहराया था।