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नागरिकता कानून के खिलाफ आरजेडी ने 21 दिसंबर को बुलाया 'बिहार' बंद

नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसको लेकर बिहार में भी सियासत गर्म है.

Updated on: 14 Dec 2019, 12:43 PM

पटना:

नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसको लेकर बिहार में भी सियासत गर्म है. जहां इस कानून का समर्थन करने पर सत्ताधारी जदयू में विरोध के स्वर उठ रहे हैं, तो वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) इस मौके का लाभ उठाने में लगी है. इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इसके विरोध में 21 दिसंबर को बिहार बंद का आह्वान किया है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने 21 दिसंबर को बिहार बंद के लिए लोगों से समर्थन देने की अपील की है. इस बाबत उन्होंने शुक्रवार रात ट्वीट किया.

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पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने ट्वीट किया, 'संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले नागरिकता संशोधन अधिनियम जैसे काले कानून के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल 21 दिसंबर को 'बिहार बंद' करेगा. हम सभी संविधान प्रेमी, न्यायप्रिय, धर्मनिरपेक्ष दलों, गैर-राजनीतिक संगठनों और आम जनमानस से अपील करते हैं कि बढ़-चढ़कर इसे सफल बनाने में सहयोग दें.' 

उल्लेखनीय है कि सीएए के विरोध में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल आरजेडी के नेता और कार्यकर्ता एकदिवसीय धरने पर भी बैठे थे, जबकि कांग्रेस ने मार्च निकाला था. शुक्रवार को राज्य के कई जिलों में मुस्लिम संगठनों द्वारा भी इस विधेयक के विरोध में जुलूस निकाला गया था.

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शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भी एक इमोशनल ट्वीट कर खुद को अल्पसंख्यकों का संरक्षक बताने की कोशिश की. लालू ने शायराना अंदाज में ट्विटर पर लिखा, 'अभी आंखों की शमाएं जल रही हैं, उसूल जिंदा है, आप लोग मायूस मत होना, अभी बीमार जिंदा है. हजारों जख्म खाकर भी मैं दुश्मन के मुकाबिल हूं, खुदा का शुक्र अब तक दिल-ए-खुद्दार जिंदा है.' इस ट्वीट के साथ उन्होंने एक पुराना वीडियो भी अपलोड किया, जिसमें वे लोगों को संबोधित करते हुए दिख रहे हैं.