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कृषि कानून किसान विरोधी, राजद गांधी मैदान में देगी धरना

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए बिहार के किसानों को भी आंदोलन में शामिल होने की अपील की है.

Updated on: 04 Dec 2020, 01:37 PM

पटना:

बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नए कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए बिहार के किसानों को भी आंदोलन में शामिल होने की अपील की है. राजद के नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता शनिवार को पटना के गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने कृषि कानून के विरोध में धरने पर बैठेंगे.

बिहार विधनसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि कानून काला कानून है और ये देश के खिलाफ है. उन्होंने बिहार के किसानों और किसान संगठनों से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान, आने वाली पीढ़ियों और भविष्य को देखते हुए वे इस कानून के विरोध में सड़कों पर आएं और आंदोलन को मजबूत करें. उन्होंने कहा कि बिहार में जहां मंडियों का सवाल है वह 2006 में ही बंद कर दिया गया. हालत ये हो गई है कि बिहार के किसान खेती छोड़ मजदूरी करने लगे हैं. जब मंडी खत्म हो गई तो किसान कमजोर होते गए.

उन्होंने कहा, 'पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसानों में आक्रोश है. यह वही सरकार है जो किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करनी की बात करती है, लेकिन एमएसपी को खत्म कर रही है. कृषि को भी प्राइवेट हाथ को सौंप रही है, जिससे प्राइवेट कंपनियों से किसान खरीद बिक्री करेंगे.' उन्होंने कृषि कानूनों को किसान विरोधी कानून बताते हुए कहा कि किसानों को सही मूल्य मिलना चाहिए. कई जगहों पर कर्ज में डूबने से किसान आत्महत्या कर रहे हैं. जो अन्नदाता हैं उनके लिए इस तरह का कानून बनाना देश के खिलाफ है.

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इतनी बड़ी समस्या सामने है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौन हैं. कोई भी फैसला जनता का होना चाहिए ना कि किसी व्यक्ति का. उन्होंने कहा कि कृषि कानून बनाने के पहले किसानों से राय नहीं ली गई और अब उन्हें गुमराह किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर एमएसपी समाप्त नहीं होना है, तो सरकार लिखकर क्यों नहीं दे रही है.

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अगर कृषि कानून के इतने ही फायदे हैं तो देश भर में किसान इसके खिलाफ क्यों है, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी अकाली दल ने किनारा क्यों किया. उन्होंने कहा कि खिलाड़ी और अभिनेता भी किसान के समर्थन में आगे आएं हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री कृषि रोड मैप की बात करते हैं लेकिन धान के एमएसपी की बात नहीं करते. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार में अब तक किसी जिले में धान की खरीदी प्रारंभ नहीं की गई है.