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पॉल्यूशन जांच के नाम पर धांधली, ट्रक चालकों की फाइल छीनकर वसूले जाते हैं पैसे

सरकार ने वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाने के लिए जिले को वाहन दिया है, लेकिन वाहन के कर्मी ने प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाने और लोगों को जागरूक करने की जगह ट्रक चालकों की फाइल छीन कर जुर्माने का भय दिखाकर उनसे अवैध रूप से पैसे लेते हैं.

Updated on: 03 Mar 2023, 11:00 AM

highlights

  • ट्रक चालकों की फाइल छीनकर अवैध रूप से वसूले जाते हैं पैसे
  • जुर्माने का भय दिखाकर अवैध रूप से लेते हैं पैसे 
  • जिला परिवहन पदाधिकारी ने कहा कि होगी जांच 

 

kaimur:

बिहार में अगर भ्रष्टाचार की बात करें तो आलम ये है कि बिना पैसे दिए यहां कोई काम होता ही नहीं है और अब तो लोगों को डरा कर अधिकारी पैसे वसूल रहे हैं. ताजा मामला कैमूर जिले से हैं जहां सरकार ने वाहनों के प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाने के लिए जिले को वाहन दिया है, लेकिन वाहन के कर्मी ने प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाने और लोगों को जागरूक करने की जगह ट्रक चालकों की फाइल छीन कर जुर्माने का भय दिखाकर उनसे अवैध रूप से पैसे लेते हैं. मामले के सामने आने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं. 

लोगों को जागरूक करने के बजाए लूटे जा रहे हैं पैसे 

मामला मोहनिया के समेकित चेक पोस्ट के पास की है. जहां प्रतिदिन स्थाई रूप से पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने वाली गाड़ी लगी हुई रहती है. जबकि यह चलंत वाहन है, जिसका काम पूरे जिले के तमाम सड़कों पर घूम कर लोगों को जागरूक करना है और जो लोग पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाने के इच्छुक होंगे उनका प्रदूषण भी बनाना है. जिला परिवहन पदाधिकारी के संज्ञान में मामला आने के बाद उन्होंने कहा कि जांच की जाएगी और अगर गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई होगी.

फाइल छीन कर जबरदस्ती वसूलते हैं पैसे 

एक ट्रक चालक ने बताया कि वेपन लोड कर कई बॉर्डर को पार करते हुए मोहनिया चेक पोस्ट पहुंचा. जहां पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने वाली गाड़ी के कर्मियों द्वारा मुझे रोक लिया गया और मेरा गाड़ी का फाइल भी छीन लिया गया. इतना ही नहीं मुझे धमकी भी दी गई कि तुम्हारा सर्टिफिकेट नेट पर ऑनलाइन नहीं दिखा रहा है. जब कि मैं सभी बॉर्डर को अपने सर्टिफिकेट के आधार पर ही मधय प्रदेश और गुजरात पार करते हुए आया हूं. वहां वेबसाइट पर दिख रहा है और यह बोल रहे हैं कि नहीं दिख रहा है. 15 मिनट तक मेरा फाइल छीनकर उन्होंने रखा रहा जबकि मेरी गाड़ी का प्रदूषण 20 मार्च तक वैलिड है.

वैन के इंचार्ज ने किया साफ इंकार 

वहीं, इस मामले में प्रदूषण वैन के इंचार्ज उपेंद्र सिंह ने बताया कि जो भी गाड़ी यहां से गुजर रही है. जिनका भी पेपर ऑनलाइन नहीं है उनके वाहन को रोका जाता है और प्रदूषण सर्टिफिकेट उन्होंने बनवाया तो ठीक नहीं तो जाने दिया जाता है. 

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मामले की होगी जांच 

जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया की प्रदूषण वैन की अनुमति लोगों को जागरूक करने के लिए दी गई है. स्वेच्छा से जो लोग प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाना चाहते हैं वो उनके वाहन के पास खुद आकर बनवाएंगे. उन्होंने कहा कि ट्रक चालकों की फाइल छीनने की बातें अभी तक मेरी जानकारी में नहीं आया है अगर ऐसा मामला है तो जांच कराया जाएगा, जांच रिपोर्ट के आधार पर अगर बात सच हुई तो कार्रवाई की जाएगी. 

रिपोर्ट - रंजन त्रिगुण