लालू की पार्टी RJD में आरक्षण लागू, MY के बजाय अब A to Z का फॉर्मूला

23 साल में पहली बार लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल के इतिहास में पार्टी के अंदर आरक्षण लागू किया गया है.

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Dalchand Kumar
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लालू की पार्टी RJD में आरक्षण लागू, MY के बजाय अब A to Z का फॉर्मूला

लालू की पार्टी RJD में आरक्षण लागू, MY के बजाय अब A to Z का फॉर्मूला( Photo Credit : News State)

23 साल में पहली बार लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के राष्ट्रीय जनता दल के इतिहास में पार्टी के अंदर आरक्षण लागू किया गया है. यादव की पार्टी कहे जाने वाले इस दल में यादवी दबदबे को कम कर अति पिछड़ों एयर दलितों को भागीदारी दी गई है. चुनावी साल में आरक्षण का बड़ा दांव पार्टी के अंदर चल एक बड़ा संदेश देने की कोशिश हुई. इस साल के अंत में बिहार (Bihar) में विधानसभा चुनाव होने हैं. सभी दल अपने-अपने तरीके से इस दंगल की तैयारी में जुट गई है. खास कर हर दल सबसे पहले अपने दल के अंदर के आंतरिक ढांचे को सुनियोजित करने में जुटा है.

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लालू प्रसाद यादव फिलहाल चारा घोटाले में सजायाफ्ता हैं और पार्टी की बागडोर बेटे तेजस्वी यादव के हाथ में है. लालू यादव ने हमेशा 'माई' समीकरण यानी यादव और मुस्लमान के समीकरण पर ज्यादा भरोसा किया मगर अब बदले सामाजिक और राजनीतिक परिवेश में बेटे ने नया दांव खेला है. यादव के साथ दलित, अति पिछड़ा और सवर्णों की भी पार्टी में भागीदारी तय करने की कोशिश की है. आरजेडी ने एक लंबे अंतराल के बाद पार्टी के आंतरिक संरचना में परिवर्तन का निर्णय लिया और सबसे पहले जिलाध्यक्षों की घोषणा में अभी से चुनाव के टिकट तक के रूपरेखा का इशारा मिल गया.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा ति आरजेडी एमवाई नहीं ए टू जेड की पार्टी है. नये जिलाध्यक्षों के साथ बैठक के तेजस्वी यादव ने रविवार को बैठक के अब चुनाव की तैयारी में जुट जाने का निर्देश दिया. उन्होंने ये भी साफ किया कि संगठन की तरह ही चुनाव में भी सभी तबकों को उनकी भागीदारी के अनुसार तवज्जो मिलेगी. अब लालू यादव की पार्टी में बदलाव की बात करें तो यादवी दबदबे को कम कर अति पिछड़ा और दलितों को भागीदारी दी गई है और थोड़ी जगह सवर्णों को भी मिली है.

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राजद के 23 यादव जिलाध्यक्षों को घटाकर 13 किया गया है. जबकि मुस्लिम जिलाध्यक्षों की संख्या भी 17 से घटाकर 12 की गई है. 8 जिलों में एससी-एसटी वर्ग के और 14 जिलों में अति पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष बना दिए गए हैं. 50 जिलों में 37 जिलाध्यक्ष बदल दिए गए हैं. मात्र 12 जिलाध्यक्ष ही अपना पद बरकरार रख पाए हैं. वहीं 3 सवर्णों को भी जिलाध्यक्ष बनाया गया है.

उधर, आरजेडी के अंदर इस आरक्षण व्यवस्था का भारतीय जनता पार्टी मजाक बना रही है. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सम्राट चौधरी कहते हैं कि इस दल में यही तय नहीं है कि कौन नेतृत्व कर रहा है. लालू, राबड़ी, तेज प्रताप, तेजस्वी औप मीसा में ही सब तय नहीं, फिर ये व्यवस्था कैसे चलेगी, कहना मुश्किल है. उन्होंने कहा, 'ऐसी व्यवस्था सिर्फ भाजपा जैसे दलों में होती है, जहां सभी को उचित सम्मान मिलता है. लालू यादव के राष्ट्रीय जनता दल में ये मुमकिन नहीं.' बहरहालस, माई समीकरण के बदले A to Z का फॉर्मूला आजमाने की ये नई कोशिश लालू प्रसाद की नई पीढ़ी ने कर तो दी है, ये कारगर कितना साबित होगी, इसके लिए बस चंद महीनों का इन्तजार है.

Source : Rajnish Sinha

RJD Bihar RJD Chief Lalu Yadav Patna
      
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