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चिट-पुर्जा पहुंचाते परिजन( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)
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चिट-पुर्जा पहुंचाते परिजन( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)
बिहार में जब भी कोई परीक्षा होती है तो लोगों के मन में अब एक ही बात होती है कि क्वेश्चन पेपर वायरल ना हो जाए. जिस तरीके से पिछले कुछ दिनों से परीक्षा का इतिहास रहा है. उसने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है. वहीं, राज्य में अभी मैट्रिक की परीक्षा चल रही है और इसके शुरू होते ही कई ऐसे मामले निकल कर सामने आय हैं. जिसने कई सवाल खड़े कर दिय हैं. समस्तीपुर से एक ऐसा ही मामला एक बार फिर सामने आया है जहां परीक्षा के दौरान चीटिंग कराने का वीडियो सामने आया है.
अभिभावक छात्रों को करवा रहे थे चीटिंग
वीडियो में देखा जा सकता है कि परीक्षा केंद्र के बाहर से अभिभावक छात्रों को चीटिंग करवा रहे हैं. वीडियो में परिजनों के द्वारा खिड़की से अपने बच्चों को चिट थमाया जा रहा है. ये वीडियो बुधवार का बताया जा रहा है जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो समस्तीपुर शहर के संत कबीर कॉलेज स्थित परीक्षा केंद्र का बताया जा रहा है.
केंद्र पर धारा 144 की गई थी लागू
दरअसल, मैट्रिक परीक्षा के दौरान अभिभावक मोबाइल और चिट से बच्चों को चीटिंग करवा रहे हैं. वीडियो में परीक्षा केंद्र पर ग्रिल पर खड़े होकर अभिभावक बच्चों को मोबाइल से प्रश्न का उत्तर बताते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं, कई अभिभावक ग्रिल पर लटक कर बच्चों को चिट पहुंचाते हुए भी दिख रहे हैं. एक तरफ जिला प्रशासन की तरफ से कदाचार मुक्त परीक्षा का दावा किया जा रहा है. हैरानी के बात है कि परीक्षा लेकर केंद्र पर धारा 144 लगाई भी गई थी, लेकिन फिर भी सरेआम चोरी की गई. ऐसे में इस तरह की तस्वीर प्रशासन के दावों और व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है.
छात्र को परीक्षा से होना पड़ा वंचित
वहीं, दूसरी तरफ दरभंगा में एक छात्र को परीक्षा से वंचित कर दिया गया है. छात्र शहर के बारकरगंज गायत्री मंदिर मुहल्ले का रहने वाला है और इस साल जिला स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा देने वाला था. जिसके लिए जयानंद उच्च विद्यालय बहेड़ा में सेंटर दिया गया था, लेकिन एडमिट कार्ड में सब्जेक्ट के नाम में गलती के कारण उसे मैट्रिक की परीक्षा देने से वंचित होना पड़ा. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक परीक्षार्थियों के लिए डमी एडमिट कार्ड जारी किया था. जिसमें छात्र अमन राज के पंजीयन रसीद में धर्म के कॉलम में इस्लाम लिख दिया गया. वहीं, जहां सब्जेक्ट के कॉलम में हिंदी होनी चाहिए थी वहां उर्दू कर दिया गया.
शिकायत दर्ज करवाने के बाद भी नहीं हुआ सुधार
जिसकी जानकारी मिलते ही छात्र ने अपने विद्यालय के प्रिंसिपल को इसकी जानकारी दी और फिर त्रुटि को दूर करने करने के लिए उनसे आग्रह भी किया. त्रुटि सुधार के लिए परीक्षा समिति के पास भेजा गया. अपनी शिकायत दर्ज करने के बाद छात्र और उसके अभिभावक इस बात से आश्वस्त थे कि अब विभाग से ऐसी गलती नहीं होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. परीक्षा समिति ने एक बार फिर से वही गलती की जो पहले की थी. सब्जेक्ट के कॉलम में हिंदी के वजय उर्दू ही लिखा छोड़ दिया.
परिजनों ने कार्रवाई की मांग की
हालांकि पंजीयन रसीद में धर्म के कॉलम में इस्लाम की जगह हिन्दू लिखकर पहले की गलती में सुधार किया, लेकिन एडमिट कार्ड में सब्जेक्ट उर्दू होने के वजह से उसे परीक्षा से आखिरकार वंचित ही होना पड़ा. छात्र अब इस बात से परेशान है कि उसका एक साल बर्बाद हो गया. वहीं, छात्र के परिजन ऐसी गलती करने वाले कर्मी पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand