साल 1908 से लेकर साल 1990 तक के कुल पांच करोड़ निबंधित डॉक्यूमेंट्स का डिजिटलीकरण किया जाना है. इसके लिए एजेंसी का सिलेक्शन हो गया है. साल 1995 से लेकर 2025 तक के कुल 2.34 करोड़ निबंधित डॉक्यूमेंट्स का डिजिटलीकरण का काम पूरा हो चुका है. इसकी मदद से लोग अब जमीन और मकान के डॉक्यूमेंट्स को ऑनलाइन देख पाएंगे.
वित्तीय वर्ष 2024-25 में निबंधन विभाग ने राजस्व लक्ष्य का 102 प्रतिशत अचीव किया है. पिछले साल लक्ष्य सात हजार पांच सौ करोड़ रुपये तय किया गया था लेकिन विभाग ने 7,648 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया. वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभाग का लक्ष्य सात हजार करोड़ रुपये था लेकिन विभाग 6,170 करोड़ रुपये का राजस्व ही प्राप्त कर पाया. 2023-24 के मुकाबले इस वर्ष के राजस्व में 24 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. अब वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राजस्व लक्ष्य 8,250 करोड़ रुपये तय किया गया है.
घर बैठे ही निबंधन के लिए कर सकते हैं आवेदन
आमजन की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने ई-निंबधन सॉफ्टवेयर भी लॉन्च किया है. लोग घर बैठे अब निबंधन के लिए आवेदन कर सकते हैं. साथ ही लोग अब घर बैठे ही अपडेट की स्थिति, जमीन की कैटिगिरी और ई-केवाईसी की सुविधा का लाभ ले पाएंगे. निबंधन प्रोसेस को पेपरलेस बनाने के लिए चार दफ्तरों में पायलट प्रोजेक्ट जारी है. पक्षकारों को इससे डॉक्यूमेंट तैयार करने और उसकी स्कैनिंग से छुटकारा मिल जाएगा. सभी पदाधिकारियों को विभाग ने निबंधन के लिए लैपटॉप दिया है.
तीन जिलों में बनाया गया नया निबंधन कार्यालय
प्रदेश में फिलहाल 140 निबंधन ऑफिस हैं. प्रदेश के सभी 38 जिलों मे निबंधन ऑफिस के साथ-साथ कुल 102 अवर निबंधन कार्यालय का काम कर रहे हैं. साल 2025 में सुपौल के वीरपुर, सहरसा के सोनवर्षा और पटना जिले के पालीगंज में तीन कार्यालय बनाए गए हैं.
ई-स्टाम्प की बिक्री ऐसे हो रही है
विभागीय सॉफ्टवेयर से सभी निबंधन ऑफिसों में ई-स्टाम्प की बिक्री कोऑपरेटिव बैंकों की मदद से की जा रही है. उच्च न्यायालय के साथ-साथ प्रदेश के सभी 60 व्यवहार न्यायालयों में भी ई-कोर्ट फीस की बिक्री की जाएगी.