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आरक्षण के मुद्दे पर किसी भी तरह की बहस नहीं होगी: रामविलास पासवान

भाजपा के सहयोगी और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर किसी भी ‘‘बहस’’ की जरूरत नहीं है और यह समाज के कमजोर वर्गों का संवैधानिक अधिकार है.

Updated on: 20 Aug 2019, 07:37 PM

पटना:

भाजपा के सहयोगी और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर किसी भी ‘‘बहस’’ की जरूरत नहीं है और यह समाज के कमजोर वर्गों का संवैधानिक अधिकार है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि जो आरक्षण के समर्थन में हैं और जो विरोध में हैं, उनके बीच सौहार्दपूर्ण माहौल में चर्चा होनी चाहिए.

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उनके इस बयान के बाद लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष की यह प्रतिक्रिया आई है. पासवान ने कहा कि आरक्षण संवैधानिक अधिकार है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई बार दोहराया है कि इसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘आरक्षण पर किसी तरह की बहस की जरूरत नहीं है. यह अब ऊंची जातियों के गरीबों के लिए भी उपलब्ध है इसलिए यह असंभव है कि इसे समाप्त कर दिया जाएगा.’’

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पासवान ने हालांकि भागवत के बयान पर सीधे प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की और कहा कि उन्हें उनके (भागवत) बयान की विस्तृत जानकारी नहीं है. उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया. पासवान ने कहा, ‘‘विपक्षी दल विवाद को तूल देने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन मेरा मानना है कि उनके झूठ पर लोग विश्वास नहीं करेंगे.’’

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वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा आरक्षण पर चर्चा करने के आह्वान को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने खतरनाक बताया है. प्रियंका ने मंगलवार को कहा कि यह बयान उस समय आया है, जब भाजपा सरकार कई कानूनों को खत्म कर रही है. प्रियंका ने ट्वीट किया, "आरएसएस का इरादा और उसकी योजनाएं खतरनाक हैं. ऐसे समय में, जब भाजपा सरकार कई कानूनों को खत्म कर रही है, आरएसएस ने आरक्षण पर बहस का मुद्दा उठाया है."