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NRC के खिलाफ बिहार विधानसभा के प्रस्ताव का पासवान ने किया स्वागत( Photo Credit : फाइल फोटो)
बिहार में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens) लागू नहीं होगा. राज्य की विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन बिहार (Bihar) में एनआरसी लागू नहीं करने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National population register) में एक संशोधन के साथ 2010 के प्रारूप में इसे लागू करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया. इस प्रस्ताव का केद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने का स्वागत किया है.
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रामविलास पासवान ने ट्वीट कर कहा, 'बिहार विधानसभा से पारित किये गये इस प्रस्ताव का मैं स्वागत करता हूं कि एनआरसी लागू नहीं किया जाएगा और यह कि एनपीआर 2020 के प्रारूप के अनुसार किया जाए. मैंने पहले ही कह दिया है कि एनपीआर से डरने की जरूरत नहीं है और प्रधानमंत्री ने भी कह दिया है कि एनआरसी का कोई प्रस्ताव नहीं है.'
बिहार में NRCलागू नहीं करने और NPRका 2010 वाला प्रारूप ही लागू करने के बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव का स्वागत करता हूं। मैंने पहले ही कहा है कि NPRसे घबराने की जरूरत नहीं है और NRC पर प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि इसकी कोई योजना नहीं है @NitishKumar@narendramodi
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) February 25, 2020
बता दें कि बिहार विधानसभा ने मंगलवार को एनपीआर 2020 के प्रपत्र में ट्रांसजेंडर का समावेश किए जाने के साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 2010 में अंकित कॉलम के अनुसार ही एनपीआर कराए जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया. राज्य में एनआरसी के विरोध में भी मंगलवार को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सदन की प्रथम पाली में कार्यस्थगन प्रस्ताव (एनपीआर को लेकर) पर विमर्श के दौरान सभी सदस्यों की राय निकलकर आई कि एनपीआर और एनआरसी को लेकर एक सर्वसम्मत प्रस्ताव सदन द्वारा पारित किया जाए.
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इससे पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में स्पष्ट कहा कि बिहार में एनआरसी लागू करने का प्रश्न ही नहीं उठता. उन्होंने एनआरसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को भी उद्धृत किया. नीतीश ने विधानसभा में कहा कि ग्रामीण इलाकों के लोगों के पास जन्मदिन का प्रमाण नहीं है. इन सबको देखते हुए केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया है. बिहार सरकार द्वारा 15 फरवरी, 2020 को भेजे गए पत्र में स्पष्ट रूप से एनपीआर पुराने फॉर्मेट में कराने की बात कही गई है.
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