बिहार (Bihar) की 5 राज्यसभा सीटों समेत अप्रैल में रिक्त हो रही कुल 55 सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होंगे. चुनाव आयोग ने आज इसकी घोषणा कर दी है. बिहार में जिन राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, उनमें भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के नेता आर. के. सिन्हा और प्रभात झा के अलावा जनता दल युनाइटेड (Janta Dal United) के नेता कहकशां परवीन, राज्यसभा के सभापति हरिवंश और रामनाथ ठाकुर शामिल हैं.
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निर्वाचन आयोग के मुताबिक, राज्यसभा की 17 राज्यों में 55 सीटें खाली हो रहीं हैं. इन सीटों पर 26 मार्च को मतदान होगा और उसी दिन मतगणना भी होगी. गौरतलब है कि 17 राज्यों से 48 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल आगामी दो अप्रैल को, दो राज्यों से पांच राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल तीन अप्रैल और झारखंड से दो सदस्यों का कार्यकाल तीन मई को समाप्त हो रहा है. बिहार के अलावा जिन सीटों पर मतदान कराए जाएंगे, उनमें महाराष्ट्र की 7, उड़ीसा की 4, तमिलनाडु की 6, पश्चिम बंगाल की 5, आंध्र प्रदेश की 4, तेलंगाना की 2, असम की 3, छतीसगढ़ की 2, गुजरात की 4, हिमाचल प्रदेश की 1, झारखंड की 2, मध्य प्रदेश की 3, मणिपुर की 1, राजस्थान की 3 और मेधली की एक सीट शामिल है.
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बिहार में आंकड़ों के लिहाज से देखें तो इस बार जेडीयू-बीजेपी के खाते से दो सीटें छिन सकती हैं क्योंकि आरजेडी-कांग्रेस की संयुक्त ताकत और विपक्ष के समर्थन से उनके इनमें से तीन सीटें जीतने की क्षमता नजर आ रही है. सीटों के गणित के लिहाज से देखा जाए तो एनडीए से संयुक्त विपक्ष 3 सीटें छीन सकता है. बिहार विधानसभा में एनडीए के पास कुल 124 विधायक हैं. वहीं विपक्षी खेमे में यह आंकड़ा लगभग 116 है, जिसमें 5 निर्दलीय विधायक शामिल हैं. जबकि यहां एक राज्यसभा सीट के लिए 35 सीटें चाहिए. ऐसे में यहां एनडीए को नुकसान झेलना पड़ सकता है.
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