नेपाल में बारिश, बिहार में हाहाकार, बाढ़ पीड़ितों को मदद की दरकार

बिहार में एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं. नेपाल में हो रही बारिश का असर बिहार में दिखने लगा है, जहां कई जिलों में नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है.

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Vineeta Kumari
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नेपाल में बारिश, बिहार में हाहाकार( Photo Credit : फाइल फोटो)

बिहार में एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं. नेपाल में हो रही बारिश का असर बिहार में दिखने लगा है, जहां कई जिलों में नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. तस्वीरें मधुबनी की है. जहां घोघरडीहा प्रखंड के भूतही बलान नदी ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. नदी के जलस्तर में बढोतरी होने से घोघरडीहा प्रखंड में तटबंध के इलाकों में रहने वाले ग्रामीण डर के साए में जी रहे हैं. दर्जनों गांवों में बाढ़ ने तबाही मचानी शुरू कर दी है. हजार से ज्यादा घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लोगों के घर आंगन डूब गए हैं. घोघरडीहा प्रखंड के कई पंचायत के साथ साथ फुलपरास प्रखंड के कई पंचायतों में बाढ़ का पानी आ चुका है. बाढ प्रभावित इलाके के लोग सहमे हुए हैं और जल कैदी बनकर रह गए हैं.

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उफान पर नदियां

पश्चिमी चम्पारण के नरकटियागंज में पहाड़ी नदियां उफान पर है. आलम यह है कि अब बाढ़ से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. नरकटियागंज के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय मौजा पकड़ी के प्रांगण में बाढ़ का पानी घुस आया है. लिहाजा बच्चों की पढ़ाई दूभर हो गई है. टीचर्स तीन फीट तक लगे पानी में बैठने को मजबूर हैं. स्कूल प्रिंसिपल की मानें तो इस समस्या को लेकर विभाग को भी सूचना दे दी गई है. बाढ़ के पानी से स्कूल जलमग्न हो गया है. और बच्चों की पढ़ाई बंद हो गई है. 

कई गांव जलमग्न

मधेपुरा में भी बाढ़ ने दस्तक दे दी है. और यहां नदी किनारे रहने वाले लोग सड़क पर आ गए हैं. दरअसल, कुछ महीने पहले ही मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 20 से महादलित समाज के लगभग 40 परिवारों को जिला प्रशासन की ओर से सुखासन में नदी किनारे जमीन आवांटित कर बसाया गया था, लेकिन नदी का जलस्तर बढ़ने से लोग सड़कों पर आ गये हैं. हालांकि नदी के किनारे बसाये जाने को लेकर पीड़ित परिवारों ने पहले भी विरोध किया था. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने उनकी सुध नहीं ली. अब जब बाढ़ ने उनके आशियाने भी छीन लिए हैं. तब भी न तो कोई प्रशासनिक मदद इन्हें मिल पाई है और न तो किसी जनप्रतिनिधि ने इनकी ओर झांका है. 

बाढ़ पीड़ितों को मदद की दरकार

नेपाल के कोसी बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद कोसी नदी अपने शबाब पर है. जिसका असर सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड में दिखने लगा है. यहां पूर्वी कोसी तटबंध पर बसे गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. प्रखंड के केदली पंचयात के असय, पहाड़पुर, नौला समेत कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. यहां रहने वाले लोग कोसी के पानी से पूरी तरह घिर चुके हैं. लोगों का घर से निकलना तक मुश्किल हो गया है. बाढ़ की दस्तक ने मवेशियों के लिए चारा और लोगों के लिए दो वक्त की रोटी पर भी संकट ला दिया है. इस बीच शासन प्रशासन की अनदेखी लोगों के लिए मुसीबत बन गई है. बिहार में कुछ दिनों की हुई बारिश ने एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात बना दिए हैं और इस बार भी शासन प्रशासन की कोई तैयारी धरातल पर नहीं दिखाई दे रही. जिसके चलते जिन इलाकों में बाढ़ की दस्तक हुई है उन इलाकों में लोगों का जीना मुहाल हो गया है.

HIGHLIGHTS

  • उफान पर नदियां, लहरों का प्रहार
  • कई गांव जलमग्न, बेघर हुए लोग
  • बाढ़ पीड़ितों को मदद की दरकार

Source : News State Bihar Jharkhand

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