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अपने घरों को जाते प्रवासी मजदूर।( Photo Credit : फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश, झारखंड और विभिन्न राज्यों द्वारा रोजगार एवं अन्य कारणों से प्रवास पर गये अपने निवासियों की बेसब्री से बांट निहारने के बीच शनिवार को कई ‘‘नॉन स्टाप’’ श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई गयी ताकि लॉकडाउन के कारण फंसे हुए श्रमिकों को उनके मूल राज्यों तक पहुंचाया जा सके. रेलवे ने एक दिन पहले ही इस तरह की ट्रेनों को परिचालित करने का सिलसिला शुरू किया था.
जयपुर से फंसे हुए 1187 प्रवासी मजदूरों को लेकर पहली श्रमिक विशेष ट्रेन 16 घंटे के सफर के बाद शनिवार दोपहर को पटना के बाहरी इलाके दानापुर रेलवे स्टेशन पर पहुंची. ज्यादातर ट्रेनें केरल, महाराष्ट्र और गुजरात से रवाना हुई क्योंकि लाखों प्रवासी मजदूर कोरोना वायरस के चलते घोषित लॉकडाउन के दौरान अपनी आजीविका गंवाने के बाद अपने मूल स्थान पर लौटने की आस लगाये बैठे हैं.
लेकिन यह राहत मिशन झारखंड में तब त्रासदी में बदल गया जब रामगढ़ जिले में आधी रात एक वाहन के पलट जाने से एक पुलिसकर्मी की मौत हो गयी और चार अन्य मामूली रूप से घायल हो गये. पुलिस के अनुसार पुलिस की यह गाड़ी हटिया से प्रवासी श्रमिकों को चतरा ले जा रही एक बस को सुरक्षा प्रदान करते हुए उनके साथ चल रही थी. ये प्रवासी मजूदर शुक्रवार को देर रात रांची के बाहरी इलाके हटिया में हैदराबाद से 1200 श्रमिकों को लेकर आयी पहली विशेष ट्रेन से आये थे.
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झारखंड के पुलिस महानिदेशक एम वी राव ने बताया कि दुर्घटना में कांस्टेबल दिनेश कुमार (38) की मौत हो गयी. वह गाड़ी चला रहे थे. यह हादसा रात करीब ढाई बजे हुआ. उधर चेन्नई में पाबंदियों का उल्लंघन करते हुए प्रवासी मजदूरों ने प्रदर्शन किया और मांग की कि प्रशासन उन्हें उनके गृह राज्यों में तत्काल भेजे. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर उन्हें उनके ठहरने के स्थान पर भेज दिया.
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में भी करीब 1000 प्रवासी श्रमिक उन्हें उनके मूल स्थान पर भेजने की मांग करते हुए सड़कों पर प्रदर्शन करने लगे. उन्होंने राजमार्ग जाम करने की कोशिश की और रेलवे स्टेशन की ओर जाने लगे. श्रमिकों में से ज्यादातर उत्तर भारत के थे. आने वाले दिनों में ट्रेनों को चलाने की योजना के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने अपने राज्यों में प्रवासी मजदूरों से वापस नहीं जाने और फिर से खुल चुकी औद्योगिक इकाइयों में काम शुरू करने की अपील की.
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री येागी आदित्यनाथ ने अपने मूल स्थानों पर लौटे लोगों को कामकाज देने की संभावनाएं तलाशने के उद्देश्य से अधिकारियों को लॉकडाउन पर केंद्र के परामर्श एवं अनुमति प्राप्त गतिविधियों का अध्ययन करने के बाद करीब 20 लाख श्रमिकों को रोजगार देने की योजना बनाने को कहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ध्यान दिलया कि राज्य में चल रही कई परियोजनाएं श्रम प्रधान है.
उन्होंने कहा,‘‘‘एक बार चीज व्यवस्थित हो जाए, तो इन प्रवासी मजदूरों के कौशल का आकलन कराया जाए और फिर उस हिसाब से श्रमबल में उन्हें शामिल कर लिया जाए.’’ बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने हाल में अनुमान लगाया था कि लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में फंस गये बिहार के प्रवासियों की संख्या करीब 27 लाख होगी. पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर के जन संपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि इन यात्रियों को प्रखंड स्तर के केद्रों में 21 दिनों के लिए पृथक-वास में रखा जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस ट्रेन से केवल राजस्थान में काम कर रहे प्रवासी मजदूर लौटे हैं.
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हैदराबाद से प्रवासी श्रमिकों को लेकर पहली स्पेशल ट्रेन के रात सवा ग्यारह बजे हटिया पहुंचने पर यात्रियों के चेहरे पर खुशी नजर आयी. वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. राजस्थान के कोटा से विद्यार्थियों को लेकर रांची और धनबाद आ रही दो विशेष ट्रेनों के स्वागत की भी तैयारी की गयी है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी प्रवासी श्रमिकों को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सिपाही बनने तथा अपने-अपने परिवार एवं गांवों को बचाने की सलाह दी. केरल से करीब 1,100 फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को लेकर एक रेलगाड़ी शनिवार को झारखंड के हटिया के लिए रवाना हुई. मजदूरों को लेकर केरल से जाने वाली यह दूसरी रेलगाड़ी होगी.
एक दिन पहले केरल के कोच्चि के अलुवा से करीब 1,100 प्रवासी मजदूरों को लेकर एक रेलगाड़ी ओडिशा के भुवनेश्वर के लिए शुक्रवार की रात रवाना हुई थी. तिरूर, कोझिकोड, एर्णाकुलम साउथ, और अलुआ स्टेशनों से चार और ट्रेनें श्रमिकों को लेकर शनिवार को ही बिहार, झारखंड और ओडिशा के लिए रवाना होने की संभावना है. महाराष्ट्र के नासिक से 340 फंसे हुए श्रमकों को लेकर विशेष ट्रेन शनिवार सुबह भोपाल के बाहरी क्षेत्र में स्थित मिसरोद रेलवे स्टेशन पर पहुंची है.
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि लॉकडाउन के कारण विभिन्न प्रदेशों में फंसे प्रदेश के एक लाख से अधिक मजदूरों को ट्रेन के माध्यम से मध्य प्रदेश वापस लाया जाएगा. एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में हमारे 50,000 मजदूर महाराष्ट्र में, 30,000 गुजरात में, 8000 मजदूर तमिलनाडु में, 5000 मजदूर कर्नाटक में, 10,000 मजदूर आंध्र प्रदेश में तथा 3,000 मजदूर गोवा में फँसे हुए हैं. एक विशेष ट्रेन नासिक से लखनऊ भी रवाना हुई.
पहले यह पिछली रात विदा होनी थी. शनिवार रात का ही 1200-1200 प्रवासी मजदूरों को लेकर तीन विशेष ट्रेनें गुजरात के अहमदाबाद और सूरत से उत्तर प्रदेश और ओडिशा के लिए रवाना होंगी. अहमदाबाद से दो ट्रेनें आगरा के लिए और एक ट्रेर सूरत से ब्रह्मपुर (ओडिशा) के लिए रवाना होगी. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के सचिव अश्विनि कुमार ने यह जानकारी दी. इस बीच दिल्ली पुलिस ने प्रवासी मजदूरों को सोशल मीडिया पर फर्जी फार्म को लेकर सावधान किया. दरअसल कई मजदूर फार्म भरकर उसे जमा करने शाहदरा में थानों में पहुंच गये थे. उन्हें लगा था कि ऐसा करने से अपने राज्यों के लिए उनकी यात्रा की प्रक्रिया सुचारू हो जाएगी.
Source : Bhasha