रेलवे की खुल रही है पोल, समस्तीपुर डिवीजन में रेलवे हाल्ट का हाल बेहाल

सुविधा के नाम पर यात्रियों को कुछ भी नहीं दिया जा रहा है.  बैठने की व्यवस्था की गई है, लेकिन उसकी स्थिति इतनी जर्जर है कि लोग नीचे में बैठने को मजबूर हैं.  

सुविधा के नाम पर यात्रियों को कुछ भी नहीं दिया जा रहा है.  बैठने की व्यवस्था की गई है, लेकिन उसकी स्थिति इतनी जर्जर है कि लोग नीचे में बैठने को मजबूर हैं.  

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Vineeta Kumari
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रेलवे की खुल रही है पोल( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

कहने को तो सरकारी पेपरों में सरकार की तरफ से क्षेत्र और लोगों की सुविधा व विकास के लिए काफी कुछ किया जाता है लेकिन जब आप ग्राउंड पर जाकर देखते हैं तो सच्चाई कुछ ओर ही देखने को मिलती है. दरअसल, यह नजारा सहरसा रेलवे जंक्शन से महज 2 किलोमीटर दूर पर बना रेलवे हाल्ट का है. जहां पर यात्रियों को दी जा रही सुविधा रेलवे के दावे की पोल खोल रही है. सुविधा के नाम पर यात्रियों को कुछ भी नहीं दिया जा रहा है.  बैठने की व्यवस्था की गई है, लेकिन उसकी स्थिति इतनी जर्जर है कि लोग नीचे में बैठने को मजबूर हैं.  यहां तक की समस्तीपुर डिवीजन में रेलवे हाल्ट का हाल इतना बेहाल है कि यात्रियों के पीने के लिए पानी की भी व्यवस्था नहीं है. 
वहीं शौचालय तो बना है, लेकिन साफ सफाई के अभाव में किसी के उपयोग में नहीं है. 

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लोग जहां ट्रेन का इंतजार करने के लिए रुकते हैं, वहीं पास में परे नाले की पानी और कचरा का अंबार लगा रहता है. जिसकी बदबू से लोग परेशान रहते हैं.

समस्तीपुर डिवीजन का सबसे कमाऊ स्टेशन सहरसा
सहरसा से सुपौल, फारबिसगंज समेत दरभंगा जाने का एकमात्र रास्ता है, जहां से रोजाना सैकड़ों की संख्या में यात्री यात्रा करते हैं. यात्रियों का कहना है कि यहां किसी भी तरह की सुविधा नहीं है. अगर कोई मरीज को लेकर रेलवे से यात्रा करना हो तो यहां पर कोई भी सुविधा मौजूद नहीं है. ऐसे में अब देखना होगा कि कब इस हालत की बदहाली पर रेलवे क्या कदम उठाती है.

Source : News State Bihar Jharkhand

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