Rahul Gandhi Vote Adhikar Yatra: महात्मा गांधी के पहले सत्याग्रह की धरती चंपारण एक बार फिर राजनीतिक हलचल का गवाह बनी. राहुल गांधी और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की वोट अधिकार यात्रा गुरुवार को पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में पहुंची. छतवानी चौराहे पर इस यात्रा का भव्य स्वागत हुआ, जहां महागठबंधन के समर्थक झंडा-बैनर और घोड़ों पर सवार होकर शक्ति प्रदर्शन करते नजर आए.
घोड़े पर सवार डॉक्टर और जनता की आवाज
यात्रा में सबसे अनोखा दृश्य डॉक्टरों का घोड़े पर सवार होकर स्वागत करना रहा. डॉक्टर नवनीत ने कहा, “हम आज दूल्हे की तरह सजे हैं क्योंकि यह यात्रा बदलाव का प्रतीक है. चंपारण की धरती से चरमराती व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है.”
वहीं, हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. शाहरुख हसन ने कहा कि मोतिहारी की जनता बदलाव चाहती है. उनके अनुसार, “रोजगार, पलायन और साम्प्रदायिक सौहार्द ही असली मुद्दे हैं. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ही देश और बिहार की तकदीर बदल सकते हैं.”
जनता के बीच बेरोजगारी और महंगाई का सवाल
यात्रा के दौरान ग्रामीणों और समर्थकों ने साफ कहा कि आज जनता को सिर्फ राशन नहीं बल्कि शिक्षा और रोजगार चाहिए. एक स्थानीय निवासी ने कहा, 'इंदिरा गांधी के दौर में ₹20 में खर्च चल जाता था, आज महंगाई ने गरीब का जीना मुश्किल कर दिया है. बच्चे भूख से तड़प रहे हैं. बदलाव जरूरी है.'
महिलाओं और युवाओं की बड़ी भागीदारी भी यात्रा में देखी गई. लोगों का कहना था कि अगर बदलाव नहीं हुआ तो पलायन और अपराध की स्थिति और बिगड़ेगी.
वोट चोरी का मुद्दा बना राजनीतिक हथियार
युवाओं की भीड़ से घिरे कांग्रेस और राजद नेताओं ने आरोप लगाया कि बिहार में बड़े पैमाने पर वोट काटे जा रहे हैं. यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभानु ने कहा, “एक-एक बूथ पर 50-100 वोट काटे गए हैं. आधार कार्ड जैसे सामान्य दस्तावेज को मान्य नहीं करना वोट चोरी की साजिश है.” उनका दावा था कि राहुल गांधी ने पहले भी सबूतों के साथ चुनावी गड़बड़ी उजागर की है और अब बिहार में भी जनता सतर्क है.
बापू के सत्याग्रह से राहुल की यात्रा का जुड़ाव
छतवानी चौराहे पर लगी विशाल मूर्तियों, बैनरों और पोस्टरों ने इस रैली को ऐतिहासिक स्वरूप दिया. स्थानीय लोग इसे 1917 के गांधीजी के चंपारण सत्याग्रह से जोड़ते दिखे. महागठबंधन नेताओं का कहना था कि जिस तरह गांधीजी ने अंग्रेजों के दांत खट्टे किए थे, वैसे ही अब यह यात्रा जनता के अधिकारों की लड़ाई है.
चंपारण की पावन धरती से शुरू हुई यह गूंज बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला सकती है. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने रोजगार, महंगाई और शिक्षा को मुख्य मुद्दा बनाते हुए जनता को एकजुट करने का प्रयास किया है.
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