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Anand Mohan( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)
बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का फैसला आने के बाद से ही राज्य में सियासत तेज हो गई है. जहां बीजेपी इसे जंगलराज की वापसी बता रही है. वहीं, पूर्व IAS जी. कृष्णैय्या की पत्नी ने भी इस पर आपत्ति जताई है. उन्होंने न्याय की मांग की है. IAS एसोसियेशन ने भी आनंद मोहन की रिहाई पर सवाल खड़े किये हैं. IAS एसोसियेशन का कहना है कि ऐसे फैसले से न्याय का मजाक उड़ता है. दूसरी तरफ आरजेडी पार्टी ने ये कहा कि बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है. वो बेवजह इस मामले को तूल दे रही है.
पूर्व IAS की पत्नी ने फैसले को बताया गलत
पूर्व IAS जी. कृष्णैय्या की पत्नी उमा देवी ने कहा कि ये जो फैसला लिया गया है वो पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि केवल राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा फैसला बिहार सरकार ने लिया है. वो एक विशेष जाती से आते हैं ऐसे में वोट बैंक को बठाने के लिए ऐसा किया गया है.
भाकपा माले ने भी उठाया सवाल
भाकपा माले ने रिहाई पर विरोध जताए बिना ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका यह कहना था कि जब 27 लोगों की रिहाई हो सकती है तो जेल में 22 साल से टाडा मामले में जो कैदी बंद है उनकी रिहाई क्यों नहीं हो रही है. उन्होंने सरकार से उनकी भी रिहाई की मांग की है. वहीं, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जो भी हुआ है कानून के तहत हुआ है. सरकार के पास हमारे सहयोगी CPIML के नेता अपनी बात रखेंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार है सब की बात सुनी जाएगी.
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27 सजायाफ्ता कैदियों को छोड़ने का निर्देश
आनंद मोहन सहित कुल 27 सजायाफ्ता कैदियों को छोड़ने का निर्देश बिहार सरकार ने दिया है. बीजेपी का कहना है कि आनंद मोहन की आड़ में दुर्दांत अपराधियों को बिहार सरकार छोड़ रही है. इन 27 सजायाफ्ता कैदी में 7 कैदी ऐसे हैं जिनको छोड़ने के बाद भी आगामी 2 वर्षों तक स्थानीय थाना में हर महीने हाजिरी लगानी होगी.
'बीजेपी के पास कोई मुद्दा है ही नहीं'
बीजेपी का आरोप है कि सरकार के इस फैसले के बाद बिहार में एक बार फिर से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. बीजेपी के इस आरोप पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बीजेपी पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है और वह बेवजह इस मामले को तूल दे रही है. राजद प्रवक्ता ने उल्टे बीजेपी से सवाल पूछा है कि गुजरात में बिलकिस बानो मामले में क्या हुआ. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा जो भी निर्णय लिया गया है वह नियम सम्मत निर्णय लिया गया है.
HIGHLIGHTS
- पूर्व IAS की पत्नी ने फैसले पर जताई आपत्ति
- IAS एसोसियेशन ने भी रिहाई पर खड़े किये सवाल
- केवल राजनीतिक फायदे के लिए लिया गया ऐसा फैसला - उमा देवी
Source : News State Bihar Jharkhand