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Patna Protest: राजधानी पटना में सोमवार को एक बार फिर युवाओं का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा . डाकबंगला चौराहा एक बार फिर विरोध-प्रदर्शन का केंद्र बन गया, जहां बड़ी संख्या में अभ्यर्थी झंडे, बैनर और अपनी मांगों के साथ पहुंचे. उनका उद्देश्य था मुख्यमंत्री आवास का घेराव, लेकिन प्रशासन ने कड़ी बैरिकेडिंग और सुरक्षा के साथ उन्हें वहीं रोक दिया. इस दौरान माहौल तनावपूर्ण रहा, लेकिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा. कुछ जगहों पर पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा. इसके साथ मुख्यमंत्री निवास की सुरक्षा में भी इजाफा कर दिया गया है.
क्या है उम्मीदवारों की मांग?
प्रदर्शन का केंद्रबिंदु बिहार पुलिस में दरोगा पदों पर नियुक्ति को लेकर रहा. अभ्यर्थियों का कहना है कि लंबे समय से वे दरोगा भर्ती की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है. उनका मानना है कि यदि जल्द ही वैकेंसी नहीं निकाली गई तो आगामी आचार संहिता के कारण प्रक्रिया और लटक जाएगी.
आचार संहिता से पहले कार्रवाई की मांग
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि 10 दिनों के भीतर चुनावी आचार संहिता लागू हो सकती है. यदि उससे पहले दरोगा भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो इसका असर सीधे-सीधे हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य पर पड़ेगा. उनका कहना है कि सरकार को युवाओं के भविष्य से खेलने का कोई अधिकार नहीं है.
#WATCH | Bihar: Aspirants of Bihar Police Subordinate Services Commission (BPSSC) and Central Selection Board of Constable (CSBC) protest in Patna over their demands, including transparency in exams. pic.twitter.com/eEBZ8Zf75J
— ANI (@ANI) September 15, 2025
सिपाही भर्ती में पारदर्शिता को लेकर सवाल
अभ्यर्थियों की एक अन्य अहम मांग सिपाही भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की है. उन्होंने आरोप लगाया कि परीक्षा के बाद प्रश्नपत्र, ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी और उत्तर कुंजी नहीं दी जाती, जिससे परिणामों पर संदेह पैदा होता है. उनका कहना है कि यदि प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो, तो किसी को भी आपत्ति नहीं होगी.
शिक्षकों और संगठनों का मिला समर्थन
इस विरोध में केवल अभ्यर्थी ही नहीं, बल्कि कई शिक्षक और शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. उन्होंने युवाओं की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को जल्द से जल्द उचित कदम उठाने चाहिए। इस समर्थन से आंदोलन को और बल मिला है.