पूर्णिया में सड़कों पर सजता है जिस्मफरोशी का बाजार, लोगों का गुजरना हुआ मुश्किल
पूर्णिया की प्रमुख गलियों से गुजरने से भी लोग शाम ढलने के बाद परहेज करने लगे हैं. अंधेरा घिरते ही वहां इन दिनो ऐसा बाजार गुलजार होने लगा है कि स्थानीय दुकानदारों को दुकान बंद कर जाना पड़ता है.
पूर्णिया की प्रमुख गलियों से गुजरने से भी लोग शाम ढलने के बाद परहेज करने लगे हैं. अंधेरा घिरते ही वहां इन दिनो ऐसा बाजार गुलजार होने लगा है कि स्थानीय दुकानदारों को दुकान बंद कर जाना पड़ता है. राजनीति के बाद वैश्यवृति को संसार का सबसे पुराना कारोबार बताया जाता है, लेकिन सभ्य समाज के लोगों के लिए जहां राजनीति कोयले की कोठरी समान है तो महिलाओं का बाजार में खड़े होकर जिस्म का सौदा करना. उस समाज के सभ्य होने पर सवाल खड़े करता है. पूर्णिया की प्रमुख सड़के वैश्यवृति के इसी व्यापर के कारण आज बदनामी का दंश झेल रही है.
लाइन बाजार, सदर अस्पताल गेट, पूर्णिया मेडिकल कॉलेज और रेडक्रॉस के आस-पास का इलाका इन दिनों देह व्यापार के बाजार के रूप में कुख्यात हो रहा है. शाम ढलते हालात ऐसे हो जाते हैं कि शरीफों को इस रास्ते से मुंह छिपा कर गुजरना पड़ता है. जबकि देर रात तक लड़कियों और उनके ग्राहकों का आना जाना लगा रहता है.
जिस्मफरोशी में शामिल महिलाओं लड़कियों और उनके ग्राहकों के कारण लगने वाली भीड़ से स्थानीय लोग असहज महसूस करते हैं. उन रास्तों से गुजरने से परहेज करते हैं. ऐसे में उधर दुकानदार भी ग्राहको के नहीं आने के कारण शाम ढलते ही दुकान बंद करने को मजबूर हो जाते हैं. जिसकी उनकी आमदनी प्रभावित हो रही है.
लोग जिस्मफरोशी के लगने वाले बाजार से परेशान हैं और पुलिस को जैसे इसकी भनक तक नहीं. पुलिस कार्रवाई की बात तो कहती है, लेकिन कब तक पूर्णिया को इस बदनामी के दंश से मुक्ती दिलाई जाती है ये देखने वाली बात होगी.