26 जिलों से आई कोरोना जांच में गड़बड़ी की रिपोर्ट, 10 टीमें करेंगी जांच
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई अधिकारियों को निलंबित किया गया है.
highlights
- बिहार के कोरोना टेस्ट में फर्जीवाड़ा.
- प्रधान सचिव ने भी मानी कोरोना जांच में गड़बड़ी की बात.
- कोरोना जांच में गड़बड़ी की पड़ताल करेंगी 10 टीमें.
पटना:
बिहार में कोरोना जांच के नाम पर गड़बड़ी सामने आने के बाद राज्य की सियासत गर्म है. इस मामले को लेकर शुक्रवार को जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सरकार की बात रखी थी, वहीं शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्रकारों के सामने आकर सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने माना की कोरोना जांच में कुछ इलाकों में गड़बड़ी पाई गई हैं, जिसके बाद वहां के अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई अधिकारियों को निलंबित किया गया है. कई सिविल सर्जन और चिकित्सीय पदाधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.
उन्होंने कहा कि जमुई और शेखपुरा के जिलाधिकारी को जांच के लिए कहा गया है, साथ ही 10 टीम स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिलों में भेजी गई हैं. उन्होंने कहा कि 26 जिलों के जिलाधिकारी को प्रखंड स्तर पर जांच का निर्देश दिया गया है. जांच टीम को फोन नंबर और आवासीय स्थल का पता लगाने का निर्देश दिया गया है. जमुई जिले के बरहट और सिकंदरा में जांच में गड़बड़ी पाई गई, वहां संबंधित पदाधिकारियों पर कार्रवाई हुई. शेखपुरा में जांच के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान कोरोना जांच कराए गए व्यक्ति मिल रहे हैं, लेकिन उनका मोबाइल नंबर किसी और का है.
उन्होंने कहा कि अररिया जिले के फारबिसगंज और अररिया में भी ऐसी बातें सामने आई हैं. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर स्वास्थ्यकर्मियों के ही मोबाइल नंबर मिले. उल्लेखनीय है कि कोरोना जांच में गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद सरकार ने जमुई जिले के सिविल सर्जन सहित कई अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है. कई स्वास्थ्यकर्मियों पर भी गाज गिरी है.
जमुई के बाद मुजफ्फरपुर में कोरोना जांच के आंकड़ों में फर्जीवाड़ा,एक ही नम्बर 17-17 लोगों के नाम पर, मामले में करवाई शुरू,डीएम ने दिया जांच का आदेश. जमुई के बाद मुजफ्फरपुर में भी कोरोना जांच के आकड़ो में भारी फर्जीवाड़ा पाया गया हैं.कोरोना जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग डोर टू डोर जा कर जांच करने की दावा आकड़ो में करती थी, प्रतिदिन शाम में जो आंकड़े जारी किया जाता था उसमें भारी फर्जीवाड़ा किया गया हैं.
मुजफ्फरपुर में भी कोरोना जांच की डाटा इकट्ठा किया गया था.लेकिन डाटा में पाया गया हैं कि एक ही मोबाइल नंबर 17 -17लोगो के नाम के सामने अंकित हैं, इतना ही नहीं जिस व्यक्ति का नम्बर अंकित हैं वह मुजफ्फरपुर का भी नहीं हैं, वह हाजीपुर का हैं. वही दूसरा नम्बर हैं जो 6 लोगों के नाम पर अंकित हैं वही तीसरा तीसरा नम्बर हैं जो सात लोगों के नाम पर अंकित हैं. इस सभी नम्बर पर बात करने पर बताया गया कि किसी ने कोरोना जांच नहीं कराया हैं.
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