प्रिंसिपल दलित बच्चों के साथ करती है भेदभाव, शौचालय उपयोग पर भी लगा दी रोक
प्रधानाध्यापिका पर ही भेदभाव करने का आरोप लगाया गया है. अभिवकों का कहना है कि बच्चों को चापाकल से पानी नहीं पीने दिया जाता है. उनके लिए पानी पीने पर पाबंदी लगा दी गई है. यहां तक की उन्हें स्कूल में शौचालय का भी उपयोग नहीं करने दिया जाता है.
प्रधानाध्यापिका पर ही भेदभाव करने का आरोप लगाया गया है. अभिवकों का कहना है कि बच्चों को चापाकल से पानी नहीं पीने दिया जाता है. उनके लिए पानी पीने पर पाबंदी लगा दी गई है. यहां तक की उन्हें स्कूल में शौचालय का भी उपयोग नहीं करने दिया जाता है.
दलित बच्चों के साथ भेदभाव( Photo Credit : फाइल फोटो )
गोपालगंज से हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. स्कूल में जहां बच्चों को सही गलत की सिख दी जाती है. उनका मानसिक विकास किया जाता है, लेकिन गोपालगंज के एक स्कूल में प्रधानाध्यापिका पर ही भेदभाव करने का आरोप लगाया गया है. अभिवकों का कहना है कि बच्चों को चापाकल से पानी नहीं पीने दिया जाता है. उनके लिए पानी पीने पर पाबंदी लगा दी गई है. यहां तक की उन्हें स्कूल में शौचालय का भी उपयोग नहीं करने दिया जाता है. बच्चों के अभिवावकों ने जिले के डीएम से न्याय की गुहार लगाई है.
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शौचालय उपयोग करने पर भी लगा दी गई रोक
मामला फुलवरिया प्रखंड के माध्यमिक विद्यालय कमलाकांत करारिया का है. जहां प्रधानाध्यापिका सुधा कुमारी पर भेदभाव करने का आरोप लगाया गया है. महादलित के बच्चों और उनके अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल के प्रधानाध्यापिका सुधा कुमारी के द्वारा महादलित के बच्चों से भेद भाव किया जाता है. बच्चों को चापाकल पर पानी नहीं पीने को लेकर पाबंदी लगाया गया है. साथ ही उन्हें शौचालय का भी उपयोग नहीं करने दिया जाता है.
डीएम से गुहार लगाने पहुंचे परिजन
मामले को लेकर महादलित के परिवार वाले अपने बच्चों के साथ आज गोपालगंज समाहरणालय में डीएम से गुहार लगाने पहुंच गए. पीड़ित ग्रामीणों का आरोप है कि ये सभी बच्चे महादलित समुदाय से आते हैं. इसलिए उनके साथ छुआछूत और भेदभाव किया जा रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि इसकी शिकायत उन्होंने स्थानीय प्रखंड पदाधिकारी से भी की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसके बाद आज वो डीएम से न्याय की गुहार लगाने पहुंचे हैं.
वहीं, इस मामले में हथुआ अनुमंडल के एसडीएम राकेश कुमार का कहना है कि अभिभावकों और छात्रों के द्वारा स्कूल की प्रधानाध्यापिका पर छुआछूत का आरोप लगया गया है. जिसको लेकर उनके द्वारा जांच की जा रही है. अगर प्राचार्या द्वारा छुआछूत को लेकर ऐसा आदेश जारी किया गया है तो आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.