बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर राष्ट्रपति पद की दावेदारी की चर्चा बड़े जोर शोर से चल रही थी।बिहार में जद यू के कई मंत्रियों ने नीतीश कुमार को इस पद के लिए योग्य बताया था,बात इस कदर बढ़ी की बिहार के मुख्यमंत्री राष्ट्रपति हों इस पर लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल भी समर्थन में उतर आई थी। चार महीने पहले भी नीतीश कुमार के नाम की चर्चा लुट्येन्स ज़ोन से मीडिया के गलियारों में राष्ट्रपति पद की दावेदारी को लेकर होने लगी थी।उस वक़्त तो नीतीश कुमार ने इसे नजरअंदाज किया मगर इस बार राष्ट्रपति चुनाव एलान के बाद फिर चर्चा तेज़ हुई तो नीतीश कुमार ने हाथ जोड़ लिया,उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मुझे क्षमा कीजिये ना ही इसको कहीं छापिए।उन्होंने कहा कि ना मेरी कोई इच्छा है और ना ऐसी कोई बात है।हमको इसमे कोई दिलचस्पी नही है,हमसे ये सब पूछा ही मत कीजिये।हमको छोड़ ही दीजिए।
बीजेपी को नीतीश कुमार की हिदायत,अपना पास्ट रिकॉर्ड याद दिलाया::
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद को राष्ट्रपति पद की दावेदारी से बाहर जरूर रखा है मगर बीजेपी को समझा दिया है कि राय विचार होनी चाहिए।पिछले दो चुनाव में जब राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग हुई तो नीतीश कुमार जिस गठबंधन में रहे उससे उलट उनकी पार्टी ने वोट कर दिया।
साल 2012 में जदयू ने प्रणब मुखर्जी को वोट दिया था, जो यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे जबकि उस वक़्त नीतीश कुमार एनडीए के हिस्सा थे।
2017 में राष्ट्रपति चुनाव के वक़्त महागठबंधन की सरकार थी जिसमे जद यू, राजद और कांग्रेस थी मगर नीतीश कुमार की पार्टी ने भाजपा समर्थित रामनाथ कोविंद को समर्थन दिया था।
राष्ट्रपति चुनाव पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कहा की "आपलोग तो जानते हैं कि पिछले दो चुनाव में हमलोग ने क्या किया,जो पसन्द आया उसको वोट दिया,जहां थे उनसे अलग वोट दिया।अभी तक तो इस पर कोई बात सामने नही आई है।कोई बात हो तब ना कि एक उम्मीदवार होंगे कि कई लोग होंगे।अभी तक तो कोई बात आई नही है।राय विचार तो अभी तक हुआ नही है,वो भी तो होगा।"
जद यू की ताकत ::
बिहार विधानसभा में भाजपा के 77 विधायक हैं, जबकि लोकसभा में इसकी सदस्यों की संख्या 17 है और राज्यसभा में पांच सांसद हैं. इस हिसाब से भाजपा के बिहार में कुल वोट वैल्यू की संख्या 28,721 है. राज्य में दूसरी बड़ी वोट वाली पार्टी जदयू है. विधायक और सांसदों के वोट के हिसाब से जदयू के वोट की ताकत 22,485 है. इनमें विधायकों की कुल 45 वोटरों के 7785 और लोकसभा के 16 सांसद व राज्यसभा के पांच सांसदों के 14,700 वोट वैल्यू है।
Source : Rajnish Sinha