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4 महीने पहले कर ली गई थी दरभंगा में ट्रेन ब्लास्ट के लिए तैयारी, NIA जांच में खुलासा

बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को हुए विस्फोट की जांच का दायरा जैसे जैसे बढ़ रहा है, साजिश की परतें वैसे वैसे उधड़कर सामने आ रही है.

Updated on: 05 Jul 2021, 11:35 AM

highlights

  • दरभंगा ट्रेन ब्लास्ट में नया खुलासा
  • एनआईए जांच में नया खुलासा हुआ
  • हाजी सलीम के घर पर हुई थी मीटिंग
  • चार महीने पहले रची गई थी साजिश

दरभंगा:

बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को हुए विस्फोट की जांच का दायरा जैसे जैसे बढ़ रहा है, साजिश की परतें वैसे वैसे उधड़कर सामने आ रही है. दरभंगा में ट्रेन ब्लास्ट की छानबीन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हाथों में हैं और जांच में लगातार नए नए खुलासे हो रहे हैं. इसी कड़ी में एनआईए की जांच में अब एक और नया खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि दरभंगा में ट्रेन ब्लास्ट जो जून में हुआ था, इसकी तैयारी 4 महीने पहले फरवरी में ही कर ली गई थी. धमाके की साजिश के लिए मीटिंग आरोपी हाजी सलीम के घर पर हुई थी.

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एनआईए जांच में सामने आया है कि हाजी सलीम आतंकी हाफिज सईद के संपर्क में था. गिरफ्तार आतंकियों के घर से मिले दस्तावेजों के आधार पर अब लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल की खोज तेज कर दी गई है. कई संदिग्धों पर एनआईए की नजर है. सर्विलांस ट्रैकिंग सिस्टम से सबूत जुटाए जा रहे हैं. मोबाइल टावर लोकेशन, सीडीआर, सीसीटीवी कैमरों के फुटेज और साइंटिफिक जांच से काफी सफलता मिली है, जिसके बाद देश में काफी समय से प्लांट स्लीपर सेल के बड़े नेटवर्क के काफी सुराग हाथ लगे हैं.

गौरतलब है कि 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन पर विस्फोट हुआ था. इस धमाके में पाकिस्तान का हाथ होने की बात सामने आई थी. पिछले हफ्ते एनआईए ने हैदराबाद से लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने पाकिस्तान के निर्देश पर चलती ट्रेन में विस्फोट की साजिश रची थी. दोनों मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शामली जिले के रहने वाले हैं. एनआईए ने 24 जून को जांच अपने हाथ में ली थी.

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जांच का दायरा बढ़ाते हुए एनआईए यूपी के शामली से कई और गिरफ्तारियां करने की तैयार है, जिसमें एक सलीम भी शामिल है, जिसने जाहिर तौर पर भाइयों की भर्ती लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के लिए की थी. फिलहाल मोहम्मद नासिर खान और इमरान मलिक और जो अब हिरासत में हैं. जांच से जुड़े एनआईए के सूत्रों की मानें तो शामली के कई लोग आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी के संदिग्धों की सूची में हैं, क्योंकि उनके प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से संबंध पाए गए हैं.