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बिहार में लागू प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना बना देश के लिए मिसाल, ऐसे खत्म हुआ राज्य में लालटेन युग

एक समय था, जब बिहार को लालटेन युग के नाम से जाना जाता है. 2005 से पहले राज्य में बिजली की खास्ता हालत थी.

Updated on: 28 Feb 2024, 07:55 PM

highlights

  • 2005 से पहले बिहार में लालटेन युग
  • बिहार देश का पहला और एकमात्र राज्य
  • 20 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर

Patna:

एक समय था, जब बिहार को लालटेन युग के नाम से जाना जाता है. 2005 से पहले राज्य में बिजली की खास्ता हालत थी. गांव तो गांव, शहर में भी लोग बिजली के लिए तरसते थे, लेकिन जब से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने हैं. धीरे-धीरे बिहार में बिजली की स्थिति में सुधार दिखने को मिला. पहले सरकार ने शहरों में 24 घंटे बिजली की व्यवस्था की और फिर सुदूर गांवों में भी बिजली के तार व ट्रांसफॉर्मर लगाए. राज्य सरकार के अथक प्रयासों के बाद बी बिहार में बिजली चोरी एक नासूर बन चुकी थी. शहर-गांव हर जगह बिजली चोरी की खबर सामने आने लगी. इससे सरकार को राजस्व की भारी छति हुई. बिजली चोरी को रोकने के लिए सरकार ने छापेमारी दस्ते का गठन किया.

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2005 से पहले बिहार में लालटेन युग

जिसके बाद राज्यभर में बिजली चोरों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जाने लगी. कुछ दिनों तक इस समस्या से तो निजात मिली, लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से यह समस्या शुरू हो गई. ऊर्जा विभाग बिजली चोरी से परेशान हो चुकी थी. लिहाजा अब विभाग ने इसे जड़ से ठीक करने का ठाना. जिसके बाद सरकार के द्वारा प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना की शुरुआत की गई. इससे सरकार को काफी फायदा हुआ. प्रीपेड स्मार्ट योजना से बिजली चोरी, बिल भुगतान, मीटर रीडिंग समेत अन्य तकनीकी खामियों से भी निजात मिली. 

गांव-गांव में स्मार्ट मीटर

अब, बिहार दुनिया का इकलौता राज्य बन चुका है, जहां गांव-गांव में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. राज्यभर के लोगों को बिजली बिल में गड़बड़ी और बिल जमा करने की समस्या से छुटकारा मिल रहा है. लोगों को अपनी खपत के मुताबिक मीटर रिचार्ज करने की सुविधा भी दी जा रही है. वहीं, अपने सुविधानुसार मीटर बंद और चालू करने की सहूलियत से लोगों को काफी फायदा हो रहा है. सबसे अच्छी बात यह है कि लोग अब अपने मोबाइल के जरिए ही प्रीपेड स्मार्ट मीटर को हैंडल कर सकते हैं.

बिहार देश का पहला और एकमात्र राज्य

बिहार देश का पहला और एकमात्र राज्य है, जिसने प्रीपेड स्मार्ट मीटर योजना की शुरुआत की थी. हालांकि जब इसे शुरू किया गया था, तब लोगों ने इसका काफी विरोध किया. बिल में गड़बड़ी की शिकायत भी की गई, लेकिन जब धीरे-धीरे लोगों को इसके फायदे समझ में आने लगे तो देश के अन्य राज्य भी इस योजना को अपनाने पर विचार कर रहे हैं. वर्ष 2019 में स्मार्ट प्री-पेड बिजली मीटर के कई लाभों को देखते हुए सभी बिजली उपभोक्ताओं के मौजूदा मीटर को भी स्मार्ट प्री-पेड मीटर से बदलने की योजना तैयार की गई. जिसके बाद फरवरी, 2021 में ईईएसएल ने राज्य में 2.34 मिलियन स्मार्ट प्रीपेड मीटर की स्थापना के लिए साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के साथ समझौता किया और इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.

20 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर

बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड ने देश में नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए कहा कि 20 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का आंकड़ा पार हो चुका है, जो देश में कुल लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर का 80 प्रतिशत से भी अधिक है. इसके साथ ही पावर होल्डिंग कंपनी ने साल, 2024 तक पूरे बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है. यह बिजली कंपनी की अबतक की सबसे बड़ी योजना है.