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प्रशांत किशोर ने तेजस्वी को दिखाया आईना, कहा - क्या सूख गई है आपके कलम की स्याही

प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव को 10 लाख नौकरी देने के उसे वादे को याद दिलाया जो उन्होंने सरकार में आने से पहले जनता से की थी. ठेके पर नौकरी करने वाले को पक्की सरकारी नौकरी दे दी जायेगी. अब जब वे सत्ता में आ गए हैं तो इन घोषणाओं का क्या हुआ.

Updated on: 13 Nov 2022, 08:57 AM

highlights

. तेजस्वी को दिखाया आईना 
. सत्ता में आ गए तो वादे का क्या हुआ
. जनता की आंखों में झोंक रहे धूल

Bettiah:

2024 लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में रणनीति बननी अभी से ही तैयार हो गई है. पलटवार का सिलसिला भी जारी है. महागठबंधन की सरकार बनते ही जहां राज्य में एक नया खेल देखने को मिल रहा है. वहीं, इस खेल में रानीतिक गुरु प्रशांत किशोर अहम रोल निभा रहें हैं.  महागठबंधन  पर निशाना साधने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहें है. जनता को सरकार की सच्चाई बताते नजर आ रहें हैं. इन दिनों वो पदयात्रा पर निकले हुए हैं. बिहार के हर जिले में जाकर लोगों से बात कर रहें हैं. लेकिन इस बार उन्होंने तेजस्वी यादव को आईना दिखाया है. उन्होंने कहा कि क्या तेजस्वी यादव के कलम की स्याही सूख गई है या फिर उनके सत्ता में आने के बाद बिहार में कैबिनेट की कोई बैठक ही नहीं हुई है.
 
प्रशांत किशोर ने तेजस्वी को याद दिलाया उनका वादा 

दरअसल, प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव को 10 लाख नौकरी देने के उसे वादे को याद दिलाया जो उन्होंने सरकार में आने से पहले जनता से की थी. उन्होंने  कहा कि तेजस्वी यादव 2020 से लगातार ये कहते रहे हैं कि जैसे ही वे बिहार की सत्ता में आयेंगे तो पहला साइन 10 लाख नौकरी देने की फाइल पर करेंगे. बिहार में कैबिनेट की बैठक में सबसे पहला प्रस्ताव 10 लाख नौकरी देने का आयेगा. तेजस्वी यादव कहते रहे हैं कि कैबिनेट की पहली बैठक में नियोजित शिक्षकों को परमानेंट कर दिया जायेगा. ठेके पर नौकरी करने वाले को पक्की सरकारी नौकरी दे दी जायेगी. अब जब वे सत्ता में आ गए हैं तो इन घोषणाओं का क्या हुआ.

जनता की आंखों में खुलेआम झोंक रहे धूल

प्रशांत किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव या नीतीश कुमार जनता की आंखों में खुलेआम धूल इसलिए झोंक कर रहे हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि चुनाव में कोई इसे याद नहीं रखेगा. जनता वोट जाति और धर्म के नाम पर ही करेगी. अगर जनता उनके छलावे को याद रखती तो कोई नेता झूठ बोलकर सत्ता में नहीं आता. वहीं, वे बार-बार ये भी कह रहे हैं कि नीतीश कुमार ने अगर एक साल में 10 लाख नौकरी दे दी तो वे अपनी जन सुराज यात्रा रद्द कर देंगे और नीतीश कुमार के लिए जनता के बीच प्रचार करने में जुट जायेंगे. 

42 दिनों में पश्चिम चंपारण की यात्रा हुई पूरी 

आपको बता दें कि, प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर को पश्चिम चंपारण जिले के भितिहरवा आश्रम से जन सुराज यात्रा की शुरूआत की थी. 42 दिनों में पश्चिम चंपारण की उनकी यात्रा पूरी हुई. प्रशांत किशोर ने हर दिन औसतन 15 किलोमीटर की पदयात्रा की. उन्होंने पश्चिम चंपारण जिले में 600 किलोमीटर की पदयात्रा पूरी कर ली है.