Prashant Kishor in support of BPSC Protest: बिहार में बीपीएससी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है. जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भी 2 जनवरी से पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी छात्रों की मांग को समर्थन करते हुए आमरण अनशन पर हैं. इस बीच सोमवार को गांधी मैदान में प्रदर्शन कर रहे प्रशांत किशोर को बिहार पुलिस उठाकर ले गई और फिर उनका मेडिकल जांच कराया गया. जिसके बाद पीके की कोर्ट में पेशी की गई.
जेल से जारी रखेंगे पीके आमरण अनशन
कोर्ट से प्रशांत किशोर से दो केसों में जमानत मिल गई, लेकिन उन्हें धरना प्रदर्शन वाले केस में जमानत के लिए कंडीशनल बेल भरने को कहा गया है. जिसे भरने से पीके ने इनकार कर दिया है और साफ कहा है कि अगर उन्हें बिना शर्त जमानत नहीं मिलती है तो वह जेल जाना पसंद करेंगे और जेल में ही रहकर अपना आमरण अनशन जारी रखेंगे. साथ ही प्रशांत किशोर ने 25 हजार रुपये का मुचलका भी भरने से इनकार कर दिया है.
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क्या होता है कंडीशनल बेल?
कंडीशनल बेल भरने से मना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर युवाओं के लिए आवाज उठाना गुनाह है तो उन्हें जेल जाना मंजूर है, लेकिन वह पीआर बॉन्ड नहीं भरेंगे. पीआर बॉन्ड का मतलब होता है कि आपने कानून के खिलाफ जाकर काम किया है और अगर वह दोबारा धरना प्रदर्शन करेंगे तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है. बता दें कि पीके के खिलाफ पटना पुलिस ने बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में केस दर्ज किया है. अगर पीके पीआर बॉन्ड नहीं भरते हैं तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा.
बीपीएससी छात्रों के समर्थन में प्रशांत किशोर का आमरण अनशन
सोमवार को पटना पुलिस ने पीके के साथ हदी 43 लोगों को गिरफ्तार किया और 15 गाड़ियों को भी पकड़ा है. बता दें कि 13 दिसंबर को 70वीं बीपीएससी परीक्षा के दौरान पटना के एक सेंटर पर पेपर लेट से पहुंचा था और कुछ पेपर के सील पहले से ही खुले हुए थे. जिसके बाद छात्रों ने इसका विरोध किया. इस पर कार्रवाई करते हुए विभाग ने उस केंद्र की परीक्षा को रद्द कर दिया और 4 जनवरी को दोबारा एग्जाम लिया गया. बीपीएससी छात्रों की मांग थी कि पूरे एग्जाम को रद्द किया जाए और रीएग्जाम लिया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ 4 जनवरी को बीपीएससी परीक्षा का आयोजन किया गया. जिसमें सेंटर के 12 हजार अभ्यर्थियों में से 6 हजार छात्र एग्जाम देने के लिए पहुंचे.