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प्रशांत किशोर ने CAA-NRC विरोध के लिए कांग्रेस को धन्यवाद दिया, बोले- बिहार में इसे लागू नहीं करेंगे

प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सीएए और एनआरसी के बहिष्कार के फैसले के लिए पार्टी नेतृत्व को विशेष रूप से धन्यवाद दिया है.

Updated on: 13 Jan 2020, 06:54 AM

पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने संशोधित नागरिकता कानून (citizenship Amended Act), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (National Civil Register) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर-2020 (National Population Register) का खुलकर विरोध कर रही कांग्रेस के विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों पर हमले, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और महिला सुरक्षा जैसे जनहित के मुद्दों को लेकर व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने के फैसले पर उसका धन्यवाद किया. किशोर ने ट्वीट कर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सीएए और एनआरसी के बहिष्कार के फैसले के लिए पार्टी नेतृत्व को विशेष रूप से धन्यवाद दिया है. उन्होंने इसके लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को विशेष धन्यवाद भी दिया और साथ ही आश्वासन दिया कि बिहार में एनपीआर लागू नहीं होगा.

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उल्लेखनीय है कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर का खुलकर विरोध कर रही कांग्रेस ने जल्द ही इन मुद्दों के साथ विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों पर हमले, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और महिला सुरक्षा जैसे जनहित के मुद्दों को लेकर व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने का निर्णय लिया है. बिहार सरकार में गठबंधन सहयोगी भाजपा की बिहार इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने किशोर का नाम लिए बिना उनपर कटाक्ष करते हुए कहा, 'सीएए पर अति विद्वान और महाज्ञानी प्रोपोगंडा कर रहे हैं. सीएए का विरोध भारत के संघीय व्यवस्था और संविधान दोनों का अपमान है.'

आनंद ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों और उनके प्रायोजित कुछ अति विद्वान और महाज्ञानी किस्म के लोग एनआरसी पर अफवाह फैलाने लगे हैं. जबकि हकीकत यह है कि एनआरसी पर केंद्र सरकार ने अभी तक कोई पहल नहीं की है. लोग सिर्फ एनआरसी पर अफवाह फैलाकर भ्रम और डर का माहौल बना रहे हैं ताकि राजनीतिक लाभ ले सकें, लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे.

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उन्होंने सीएए विरोधी लोगों पर निशाना साधते हुए कहा, 'संशोधित नागरिकता कानून बिहार सहित सभी संबंधित राज्यों में लागू होगा. भारत में अमेरिका की तरह दोहरी नागरिकता की व्यवस्था नहीं है. जनगणना एवं नागरिकता के विषय केंद्र सरकार के दायरे में हैं, जिसपर कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार को है और सभी राज्यों को इन विषयों पर केंद्र द्वारा बनाये कानून का अनुपालन करना होता है. जो लोग किसी खास राज्य में इन कानूनों को लागू नहीं करने की बात कर रहे हैं वे भारत की संघीय व्यवस्था और संविधान दोनों का अपमान कर रहे हैं.'

उल्लेखनीय है कि 4 जनवरी को भाजपा नेता व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि प्रदेश में एनपीआर का कार्य 15 से 28 मई, 2020 के दौरान जनगणना के प्रथम चरण मकान सूचीकरण और मकान गणना के साथ किया जाएगा.