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मैं बिहार का दूसरा गांधी नहीं, उनका अनुयाई हूं - प्रशांत किशोर

चंपारण से जन सुराज की पदयात्रा शुरू करने से पहले हाजीपुर के रामाशीष चौक पर प्रशांत किशोर का लोगों ने भव्य स्वागत किया.

Updated on: 02 Oct 2022, 01:21 PM

Hajipur:

प्रशांत किशोर ने गांधी जयंती के दिन बिहार में जन सुराज पदयात्रा की शुरुआत की. चंपारण से जन सुराज की पदयात्रा शुरू करने से पहले हाजीपुर के रामाशीष चौक पर प्रशांत किशोर का लोगों ने भव्य स्वागत किया. गाजे-बाजे के बीच प्रशांत किशोर के चाहने वाले पहले से ही मौके पर मौजूद थे. चंपारण जाने के दौरान प्रशांत किशोर के गाड़ियों का काफिला जैसे ही रामाशीष चौक पहुंचा, उनका सुधीर शुक्ला की अगुआई में जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान समर्थकों ने फूल माला से भी प्रशांत किशोर का स्वागत किया गया. लगातार ढोल ताशे बजते रहे, नारेबाजी होती रही. प्रशांत किशोर लोगों के आग्रह पर गाड़ी से उतरे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्पमाला अर्पित किया. इस दौरान 'जन सूरज जिंदाबाद', 'प्रशांत किशोर जिंदाबाद' के नारे लगते रहे. 

हालांकि प्रशांत किशोर से जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मेरा यह एक छोटा सा प्रयास है. जब उनसे पूछा गया कि क्या हम लोग बिहार के दूसरे गांधी से मिल रहे हैं. इसी के साथ प्रशांत किशोर चंपारण यात्रा के लिए अपने काफिले के साथ आगे बढ़ गए. बता दें कि सम्पूर्ण बिहार के लिए प्रशांत किशोर की पदयात्रा 3500 किलोमीटर की चंपारण से शुरू होने वाली है. यह पदयात्रा 12 से 15 महीने तक चलेगी और प्रशांत किशोर ने पदयात्रा का नारा दिया है. अपने और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य व नए बिहार के निर्माण के लिए पदयात्रा में शामिल हो. प्रशांत किशोर ने जन सुराज की शुरुआत विश्व की पहली गणतंत्र वैशाली से ही की थी. वैशाली में ही उन्होंने अपनी पहली कमेटी भी बनाई थी. शायद यही कारण है कि वैशाली की धरती पर उनका किसी बड़े राजनेता की तरह भव्य स्वागत किया गया है.

Reporter- Divesh Kumar