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मैं बिहार का दूसरा गांधी नहीं, उनका अनुयाई हूं( Photo Credit : फाइल फोटो)
प्रशांत किशोर ने गांधी जयंती के दिन बिहार में जन सुराज पदयात्रा की शुरुआत की. चंपारण से जन सुराज की पदयात्रा शुरू करने से पहले हाजीपुर के रामाशीष चौक पर प्रशांत किशोर का लोगों ने भव्य स्वागत किया. गाजे-बाजे के बीच प्रशांत किशोर के चाहने वाले पहले से ही मौके पर मौजूद थे. चंपारण जाने के दौरान प्रशांत किशोर के गाड़ियों का काफिला जैसे ही रामाशीष चौक पहुंचा, उनका सुधीर शुक्ला की अगुआई में जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान समर्थकों ने फूल माला से भी प्रशांत किशोर का स्वागत किया गया. लगातार ढोल ताशे बजते रहे, नारेबाजी होती रही. प्रशांत किशोर लोगों के आग्रह पर गाड़ी से उतरे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्पमाला अर्पित किया. इस दौरान 'जन सूरज जिंदाबाद', 'प्रशांत किशोर जिंदाबाद' के नारे लगते रहे.
देश के सबसे गरीब और पिछड़े राज्य #बिहार में व्यवस्था परिवर्तन का दृढ़ संकल्प
पहला महत्वपूर्ण कदम - समाज की मदद से एक नयी और बेहतर राजनीतिक व्यवस्था बनाने के लिए अगले 12-15 महीनों में बिहार के शहरों, गाँवों और क़स्बों में 3500KM की पदयात्रा
बेहतर और विकसित बिहार के लिए #जनसुराज
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) October 2, 2022
हालांकि प्रशांत किशोर से जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मेरा यह एक छोटा सा प्रयास है. जब उनसे पूछा गया कि क्या हम लोग बिहार के दूसरे गांधी से मिल रहे हैं. इसी के साथ प्रशांत किशोर चंपारण यात्रा के लिए अपने काफिले के साथ आगे बढ़ गए. बता दें कि सम्पूर्ण बिहार के लिए प्रशांत किशोर की पदयात्रा 3500 किलोमीटर की चंपारण से शुरू होने वाली है. यह पदयात्रा 12 से 15 महीने तक चलेगी और प्रशांत किशोर ने पदयात्रा का नारा दिया है. अपने और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य व नए बिहार के निर्माण के लिए पदयात्रा में शामिल हो. प्रशांत किशोर ने जन सुराज की शुरुआत विश्व की पहली गणतंत्र वैशाली से ही की थी. वैशाली में ही उन्होंने अपनी पहली कमेटी भी बनाई थी. शायद यही कारण है कि वैशाली की धरती पर उनका किसी बड़े राजनेता की तरह भव्य स्वागत किया गया है.
Reporter- Divesh Kumar
Source : News Nation Bureau