प्रशांत किशोर ने कहा - राज्य को बाटने से नहीं होता विकास, मिथला है बिहार का हृदय
प्रशांत किशोर ने कहा की बिहार को और बाटने से किसी का भला नहीं होगा. किसी भी राज्य का विकास तब ही होता है जब उसे चलाने वाला सही हो वरना कितना भी राज्य को बांट लो विकसित नहीं होगा. मिथिला पिछड़ा है ये कहना ठीक नहीं होगा. मिथिला बिहार की हृदयस्थली है,
Madhubani:
बिहार को एक बार फिर बाटने की कवायत तेज हो गई है. मिथला को दूसरा राज्य बनाने की मांग हो रही है. क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि मिथला के कारण बिहार का विकास रोक गया है. इन सारी अटकलों पर अब प्रशांत किशोर ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सभी बातों को सिरे से खारिज करते हुए कहा की बिहार को और बाटने से किसी का भला नहीं होगा. किसी भी राज्य का विकास तब ही होता है जब उसे चलाने वाला सही हो वरना कितना भी राज्य को बांट लो विकसित नहीं होगा.
दरअसल, राजनीति गुरु कह जाने वाले प्रशांत किशोर दो दिवसीय दौरे पर मधुबनी गए हुए हैं. इस दौरान जब उनसे सवाल किया गया की मिथला को अलग राज्य बनाने की मांग कितना सही है. उन्होंने कहा की बिहार को और खंडित करने से किसी का भला नहीं होगा. पूरा बिहार ही गरीब और पिछड़ा है, चाहे वो मिशिला हो या सीमांचल हो या मगध या पूर्वांचल. सिर्फ मिथिला पिछड़ा है ये कहना ठीक नहीं होगा. मिथिला बिहार की हृदयस्थली है, बिना मिथिला के विकास के बिहार का विकास संभव नहीं है. जब तक नेतृत्व सही लोगों के हाथ में नहीं होगा तब तक छोटे या बड़े किसी भी राज्य का विकास संभव नहीं है.
उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि किसी भी राज्य का विकास उसे चलाने वालें के हाथ में होता है. अगर चलाने वाला सही है तो राज्य खुद ही विकास करता है. मिथला बिहार का हृदय है इसे बिहार से अलग नहीं किया जा सकता. साथ ही उन्होंने झारखंड की भी याद दिलाई और कहा की झारखंड भी बिहार से यही कहकर अलग हुआ था की बिहार के कारण उनका विकास नहीं हुआ है. लेकिन आज झारखंड बहुत ज्यादा विकसित राज्य नहीं है.
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