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बिहार में घटी गरीबी, दर्ज की गई रिकॉर्ड कमी, राज्य सरकार ने थपथपाई पीठ

बिहार के लिए खुशखबरी है. राज्य में करोड़ों लोग गरीबी सीमा रेखा से बाहर आए हैं, जिसे लेकर राज्य सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है.

Updated on: 22 Jul 2023, 11:17 AM

highlights

  • बिहार में घटी गरीबी
  • दर्ज की गई रिकॉर्ड कमी
  • राज्य सरकार ने थपथपाई पीठ

Patna:

बिहार के लिए खुशखबरी है. राज्य में करोड़ों लोग गरीबी सीमा रेखा से बाहर आए हैं, जिसे लेकर राज्य सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है. बता दें कि नीती आयोग द्वारा जारी कई गई गरीबी सूचकांक में बिहार पहले स्थान पर आया है. जिसके अनुसार बिहार में सबसे अधिक गरीबी में गिरावट दर्ज की गई है यानी 2.25 करोड़ लोग प्रदेश में गरीबी रेखा से बाहर आए हैं. वहीं, देश में 13.51 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं. मतलब महज बिहार से 16.65 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके हैं. बता दें कि 2015-16 में बिहार में गरीबी का प्रतिशत 51.89 प्रतिशत दर्ज किया गया था, जो फिलहाल घटकर 33.76 प्रतिशत रह गया है. 

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बिहार में 2.25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर

आपको बता दें कि बिहार में जब से महागठबंधन की सरकार बनी है, तब से राज्य सरकार केंद्र के द्वारा जारी रिपोर्टों पर सहमति नहीं दिखा रहे, लेकिन नीती आयोग के इस रिपोर्ट के बाद बिहार सरकार में खुशी देखी जा रही है. बिहार सरकार के योजना एवं विकास मंत्री विजेंद्र यादव ने शुक्रवार को पीसी कर इसकी जानकारी दी. वहीं, 17 जुलाई, 2023 को बहुआयामी गरीबी सूचकांक का प्रतिवेदन जारी किया है.

बिहार के बाद इन राज्यों ने दर्ज किया नाम

2015-16 से 2019-21 की तुलना करें तो देख सकते हैं कि देशभर में 13.51 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आ चुके हैं. यानी कि 2015-16 में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 56.89 प्रतिशत गरीबी थी जो 2019-21 में घटकर 36.95 प्रतिशतत हो गई है. बिहार राज्य के बाद देश में सबसे अधिक गिरावट मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में दर्ज किया गया है. मध्य प्रदेश में 15.94 प्रतिशत, यूपी में 14.75 प्रतिशत, ओडिशा में 13.66 प्रतिशत और राजस्थान में 13.55 प्रतिशत गरीबी दर में गिरावट देखी गई है.