भागलपुर जिला के जगदीशपुर की रहने वाली एक महिला जो महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल कायम करते हुए दिख रही हैं. बता दें कि पिछले सात सालों से मालवाहक वाहन से लेकर ऑटो रिक्शा चलाकर ना केवल अपने परिवार का भरण-पोषण किया बल्कि पूरी जिम्मेवारी भी उठा रही हैं बल्कि अपने बीमार पति का इलाज के साथ अपने एक बेटे और एक बेटी को शिक्षा दिलाने का काम भी कर रही है. पति के बीमार पड़ने के बाद घर की माली हालत नाजुक होने पर पूनम चौधरी ने स्वयं कमाने का बीड़ा उठाया.
पहले तो पांच सालों तक छोटे-छोटे मालवाहक वाहन को चलायी और फिर दो सालों से ऑटो रिक्शा चलाकर अपने परिवार का लालन-पालन की जिम्मेवारी का निर्वहन कर रही हैं. वह प्रतिदिन जगदीशपुर से यात्रियों को ढोकर भागलपुर तक लाती है और फिर भागलपुर शहर में ऑटो रिक्शा चलाने के बाद शाम को जगदीशपुर जाने वाले यात्रियों को लेकर जाती है. पूनम चौधरी ने कहा कि परेशानी तो हर मोड़ पर आती है, परिश्रम करना कोई गुनाह नहीं है.
यह सुख और सुख तो मर्यादा पुरुषोत्तम राम के साथ भी था, आगे उन्होंने कहा दूसरे ड्राइवर को गाड़ी चलाते चलाते देखते थे इसके बाद धीरे-धीरे हम भी चलाना सीख लिए और आज हमारे पास दूसरे ड्राइवर के जैसा ड्राइविंग लाइसेंस भी है. सामाजिक ताना सुनने के बावजूद वह अपना हौसला नहीं खोई और आज भी अपनी जिम्मेवारी बखूबी निभा रही है, जबकि आज तक उन्हें किसी तरह की कोई सरकारी या गैर सरकारी सहायता नहीं मिली. ऐसी ही नारी सशक्तिकरण के साथ पारिवारिक दायित्व का निर्वहन कर मिसाल पेश कर रही हैं.
Source : News Nation Bureau