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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)
बिहार में विशेष राज्य के दर्जे को लेकर सियासत लंबे समय से होती रही है. करीब 2 दशक से इस मांग को अलग-अलग प्लेटफार्म पर सभी दलों के नेताओं ने उठाया है. सीएम नीतीश कुमार समेत कई नेताओं ने विशेष राज्य के दर्जे को लेकर चर्चा की. वहीं, केंद्र की मोदी सरकार भी कई बार चुनावी सभाओं में इसकी चर्चा कर चुकी है, लेकिन विशेष राज्य के दर्जे को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रहा. अब सवाल ये उठता है कि विशेष राज्य का दर्जा क्या बिहार का हक है या सिर्फ चुनावी मुद्दा. जिसे समय-समय पर नेता भुनाने की कोशिश में लगे रहते हैं.
लंबे समय से होती रही है स्पेशल स्टेट्स की मांग
बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे को लेकर आए दिन मांग उठती रही है. राजानीतिक पार्टियां समय-समय पर उस मुद्दे को उठाती रही हैं और अब जब लोकसभा चुनाव नजदीक है तो ये मुद्दा फिर से चर्चा का विषय बना हुआ है. जेडीयू और आरजेडी केंद्र पर बिहार को लेकर सौतेला व्यवहार लगाने का आरोप लगा रही है.
JDU केंद्र सरकार पर लगाया आरोप
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि बिहार में जब सबसे ज्यादा गरीबी घटती है तो इसका भी श्रेय बीजेपी लेना चाहती है. एनडीए ने नीति आयोग के रूप में मुख्यमंत्रियों का समूह गठित किया. जिसमें बिहार का हिस्सा केंद्रीय योजनाओं में 55 फीसदी कर दिया. जबकि औसत विकास दर हमारा कायम है. ऐसे में विशेष राज्य का दर्जा तो मिलना ही चाहिए.
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RJD ने भी किया सपोर्ट
वहीं, आरजेडी सत्ताधारी पार्टनर जेडीयू के फुल सपोर्ट में आ गई है. आरजेडी का कहना है कि बिहार का बानबे करोड़ रुपये से अधिक भारत सरकार ने रोक रखा है. जिसकी वजह से बिहार समावेशी विकास के लक्ष्य को नहीं छू पा रही. देश के विकास में बिहार का योगदान है. इसके बावजूद केंद्र सौतेला व्यवहार कर रही है. जिसकी किमत बीजेपी को चुकानी पड़ेगी. हमारे नए गठबंधन इंडिया के अंदर इस बात को लेकर चर्चा की जाएगी कि बिहार को कैसे आगे बढ़ाया जाए.
बीजेपी ने बयानों पर किया पलटवार
वहीं, बीजेपी ने आरजेडी और जेडीयू के इन बयानों पर पलटवार किया है. बीजेपी ने बिहार सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार में शामिल सहयोगी पार्टियों के अंदर ही लड़ाई है. लोग विवादों में घिरे हैं. पिछले नौ सालों में केंद्र सरकार ने पांच लाख अठ्ठाइस हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बिहार को दिया है जो कि यूपीए सरकार से ज्यादा है. राज्य में हो रहे विकास के काम केंद्र के पैसे से ही चल रहे हैं. इसमें उनका अपना योगदान केवल 30 फीसदी है. इस तरह की नौटंकी सिर्फ बिहार के अंदर होती है..और किसी राज्य में इस तरीके की मांग नहीं की जाती.
फिलहाल जेडीयू और आरजेडी बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है और अपने नए गठबंधन इंडिया के जरिए इस मांग को और मजबूती से रखने की बात कह रही है तो वहीं बीजेपी का कहना है कि इस तरीके का कोई प्रावधान नहीं है. आरजेडी और जेडीयू के लोग सिर्फ इसे चुनावी मुद्दा बनाना चाहते हैं.
रिपोर्ट : सनी कुमार
HIGHLIGHTS
- बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग
- JDU-RJD ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप
- केंद्र पर लगाया सौतेला व्यहार का ओराप
Source : News State Bihar Jharkhand