बिहार सरकार (Bihar Government) कोरोना संकट के दौर में रोजगार के लिए बाहर गए लोगों को उसी राज्य में हरसंभव मदद देने का दावा कर रही है. मगर कोरोना लॉकडाउन (Lockdown) के दौर में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार का राजनीतिक माहौल गरमाया है. विपक्षी दलों के नेताओं ने बिहार की नीतीश सरकार को निशाने पर ले लिया है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और जदयू के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बोला है.
यह भी पढ़ें: योगी सरकार के इस फैसले पर NDA शासित राज्यों के बीच ठनी
राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर पूछा है, 'बिहार सरकार आखिरकार अनिर्णय की स्थिति में क्यों हैं? अप्रवासी मजबूर मजदूर वर्ग और छात्रों से इतना बेरुखी भरा व्यवहार क्यों है? विगत कई दिनों से देशभर में फंसे हमारे बिहारी अप्रवासी भाई और छात्र लगातार सरकार से घर वापसी के लिए गुहार लगा रहे हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा कि सरकार के कानों तक जूं भी नहीं रेंग रही. आखिर उनके प्रति असंवेदनशीलता क्यों है?'
आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी,
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 18, 2020
बिहार सरकार आख़िरकार अनिर्णय की स्थिति में क्यों हैं ? अप्रवासी मजबूर मज़दूर वर्ग और छात्रों से इतना बेरुख़ी भरा व्यवहार क्यों है?3 दिन में बिहार के 3 ग़रीब मज़दूरों की मृत्यु हो चुकी है।उनके प्रति असंवेदनशीलता क्यों है? https://t.co/O9o91bRxtC
तेजस्वी ने पत्र में गुजरात और उत्तर प्रदेश की सरकारों की तारीफ करते हुए लिखा, 'गुजरात, उत्तरप्रदेश सहित अन्य राज्य सरकारें जहां अपने राज्यवासियों के लिए चिंतित दिखी और राज्य के बाहर फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का इंतजाम किया, वहीं बिहार सरकार ने अपने बाहर फंसे राज्यवासियों को बीच मझधार में बेसहारा छोड़ दिया है.' तेजस्वी ने आरोप लगाया कि इस आपदा से निपटने में बिहार सरकार के दृष्टिकोण में भारी अस्पष्टता दिखाई देती है.
यह भी पढ़ें: बिहार: लॉकडाउन में मजदूरों को काम देने की पहल, बंद योजनाएं होंगी शुरू
इसके साथ ही जदयू के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लिखा, 'देश भर में बिहार के लोग फंसे पड़े हैं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी लॉकडाउन की मयार्दा का पाठ पढ़ा रहे हैं. स्थानीय सरकारें कुछ कर भी रहीं हैं, लेकिन नीतीश जी ने संबंधित राज्यों से अब तक कोई बात भी नहीं की है. प्रधानमंत्री के साथ बैठक में भी उन्होंने इसकी चर्चा तक नहीं की.'
नीतीश जी शायद इकलौते ऐसे CM हैं जो पिछले एक महीने से #lockdown के नाम पर आपने बंगले से बाहर नहीं निकले हैं।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 18, 2020
साहेब की समवेदनशीलता और व्यस्तता ऐसी है कि कुछ करना तो दूर इस दौरान बिहार के फँसे हुए लोगों की मदद के लिए आपने किसी राज्य के CM से फ़ोन पर भी बात करना ज़रूरी नहीं समझा।
इधर जदयू के अजय आलोक ने तेजस्वी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मानवता, राजधर्म, नैतिकता का पाठ विपदा और आपदा की घड़ी में ऐसे लोग पढ़ा रहे हैं, जिनका इन तीनों शब्द से कभी कोई वास्ता नहीं रहा.
यह वीडियो देखें: