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बिहार में मुसलमानों के अस्तित्व पर सियासत तेज, उठ रहे कई सवाल

मुसलमान कौन है यह कहां से आए और यह आज किसके साथ है, यह सवाल हमारा नहीं है बल्कि अब इस सवाल ने बिहार के सियासत को गर्म कर दिया है.

Updated on: 01 Dec 2022, 05:00 PM

highlights

. हिंदुस्तान के सभी मुस्लिम पहले हिन्दू थे

. परेशान होकर हिंदू बने मुस्लिम

. गुलाम गौस के बयान से सियासी भूकंप

Patna:

मुसलमान कौन है यह कहां से आए और यह आज किसके साथ है, यह सवाल हमारा नहीं है बल्कि अब इस सवाल ने बिहार के सियासत को गर्म कर दिया है. सवाल भी यहीं से उठाये जा रहे हैं और जवाब देने वाले भी सियासतदान ही हैं. यह ये बता रहे हैं कि आज के मुसलमान कल के हिंदू थे. धर्मांतरण उस वक्त तेजी से हुआ, जब जरूरत महसूस हुई और आज की तारीख में मुसलमान किसके साथ रहेंगे, यह भी वक्त तय करेगा. आलम ये है कि जेडीयू एलएलसी गुलाम गौस ने मुसलमानों को बीते वक़्त का हिन्दू बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है. प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि देश के किसी प्रधानमंत्री ने पहली बार गरीब और दलित मुसलमानों की बात की है.

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बिहार विधान परिषद सभागार में 'वंचित पसमांदा विमर्श' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. यहां मंच से जेडीयू के एमएलसी गुलाम गौस ने जो कुछ कहा वो बिहार में सियासी बवंडर उठाने को काफी था. उन्होंने कहा कि आज तक देश के किसी प्रधानमंत्री ने गरीब, पिछड़ा, दलित और मुसलमानों की बात नहीं की. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुस्तान के सभी मुस्लिम पहले हिन्दू थे. उन्होंने दावा किया कि ब्राह्मणवादी व्यवस्था के कारण लोगों ने इस्लाम धर्म को अपनाया, क्योंकि ब्रह्मणवादी नीति से लोग प्रताड़ित होते थे और इसलिए धर्म को छोड़ दिया. गुलाम गोस ने मंच से मुसलमान के अस्तित्व और साथ पर बातें तो बड़ी कह दी, मगर क्या ये आवेश में कहा गया या सच में ये दिल की बात थी.

उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि मुसलमान किसके साथ होंगे, इतना मुश्किल है. बीजेपी मुसलमानों के लिए क्या करती है, यह देखना है. सरकार में सहयोगी लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को गौस की बातें परेशान कर गई. धर्मांतरण जैसे मुद्दे पर गुलाम गौस के साथ वह भी खड़े दिखें. मगर मुसलमानों के विकास का सेहरा उन्होंने लालू प्रसाद के सर पर बांधा. इधर पिछले कुछ दिनों से बिहार में अलग-अलग जिले में इमारत शरिया बिहार, झारखंड, उड़ीसा, बंगाल से मौलवी और मौलानाओं को बुलाकर तकरीर करवा रही है.

लोगों को काम के लोगों को एकजुट रहने का तरीका बताया जा रहा है. पिछले महीने पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में ऐसे ही जलसे का आयोजन हुआ. वहां यह कहा गया कि हमारे धर्म में कोई दखलअंदाजी करें, यह हमें बर्दाश्त नहीं है. अपने धर्म के अंदर हम किसी जाति से आते हैं. मगर हमें एकजुट रहने की जरूरत है और अब पूर्णिया के माधोपारा में इमारत ए शरिया बिहार, झारखंड, उड़ीसा के बैनर तले एक अजीम औ शान जलसा का वैसा ही आयोजन किया गया. इसमें बड़ी संख्या में लोग यूपी, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों से पहुंचे थे.

भारतीय जनता पार्टी के लिए मुसलमानों को लेकर दो सियासत हो रही है, जो उन्हें खुश करने के लिए काफी है. एक तरफ उनके विरोधी प्रधानमंत्री की तारीफ कर रहे हैं, धर्मांतरण जैसे मुद्दे पर अपनी वही राय रख रहे हैं. जिसकी बात बीजेपी करते रही है. बीजेपी का साफ शब्दों में कहना है कि देश के प्रधानमंत्री ने कभी भी भेदभाव नहीं किया और देश के मुसलमानों का हमने जीवन स्तर बदला है. यह काम हम आगे भी जारी रखेंगे.