जातीय जनगणना पर सियासत तेज, राजद-जदयू का बीजेपी पर पलटवार

जातिवार आंकड़े जुटा कर वर्ग विशेष को लक्षित कर विकास कार्यों को गति देने के बिहार सरकार के प्रयासों में कानूनी अड़चने बाधा बन रही है.

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Vineeta Kumari
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जातीय जनगणना पर सियासत तेज( Photo Credit : फाइल फोटो)

जातिवार आंकड़े जुटा कर वर्ग विशेष को लक्षित कर विकास कार्यों को गति देने के बिहार सरकार के प्रयासों में कानूनी अड़चने बाधा बन रही है. हाईकोर्ट के बाद अब जाति गणना पर रोक लगाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है और सर्वोच्य न्यायालय इस मामले पर सुनवाई को भी तैयार हो गया है. इधर राजनीतिक धुरंधर भी इस मुद्दे पर मोर्चा संभाल एक दूसरे पर हमला करते दिख रहे हैं. चुनावी गुणा भाग को दुरुस्त करने के लिए जाति की गिनती शुरू हुई तो सियासी गलियारे का माहौल गर्म होना लाजिमी है. सियासी वार पलटवार और बयानबाजी के बीच अब सुप्रीम सुनवाई की तैयारी ने राजनीतिक दलों को एक-दूसरे पर तीर चलाने का नया मौका दे दिया है.

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28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

जातीय जनगणना पर सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई तो फौरन तारीख भी तय हो गई. 28 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि जनगणना क्षेत्र केंद्र सरकार का है. बिहार सरकार के पास जातीय जनगणना का अधिकार नहीं है. याचिका में इस संविधान के मूल अधिकारों का हनन बताया गया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि ये मामला आर्टिकल 32 के तहत नहीं आता है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से जुड़े होने के कारण इसकी सुनवाई पटना हाईकोर्ट में करने की बात कही थी.

बिहार जातीय जनगणना पर सियासत तेज

पटना हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख दी थी. फिर इसे 4 मई के लिए तय किया गया. इस बीच सुनवाई से पहले बिहार में जातीय जन-गणना की राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली. इसलिए याचिका दाखिल करने वाले ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि जब जनगणना पूरी हो ही जाएगी तो सुनवाई का मतलब नहीं बचेगा. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने अपील के दो आधारों को मान्य पाते हुए सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तारीख दी है.

बीजेपी ने बिहार सरकार पर लगाए आरोप

जातीगत जनगणना पर भले ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए हामी भर दी है, लेकिन इससे सियासी माहौल की गरमाहट कम होने का नाम नहीं ले रही है. बीजेपी तो अब सरकार पर छात्रों का भविष्य खराब करने का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि स्कूल टीचर्स को जातिगत जनगणना की आग में झोंक दिया गया है. टीचर्स स्कूल अटेंड नहीं कर पा रहे हैं. बच्चों की पढाई नहीं हो पार रही है. बिहार में स्कूल भगवान भरोसे चल रही है.

राजद-जदयू का बीजेपी पर पलटवार

बीजेपी के वार पर सत्ता पक्ष ने भी करारा पलटवार किया है, जहां मृत्युंजय तिवारी ने बिना नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधा, तो वहीं JDU भी बीजेपी को आड़े हाथ ले रही है. बिहार में जातीगत जनगणना 2 चरणों में पूरी होगी, जिसमें 7 जनवरी से 21 जनवरी तक पहला चरण चला था, तो वहीं 15 अप्रैल से 15 मई तक जातीय गणना का दूसरा चरण होने वाला है. इस बीच मामले पर राजनीति संग्राम भी जोरों पर है, लेकिन इस सब के बीच देखने वाली बात ये होगी कि जातिगत जनगणना का मुद्दा आगामी चुनाव में किस पार्टी को कितना फायदा और कितना नुकसान पहुंचाता है.

HIGHLIGHTS

  • बिहार जातीय जनगणना पर सियासत तेज
  • बीजेपी ने बिहार सरकार पर लगाए आरोप
  • राजद- जदयू का बीजेपी पर पलटवार

Source : News State Bihar Jharkhand

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