Politics: बाबूलाल मरांडी ने राज्य में की राष्ट्रपति शासन की मांग, विपक्ष ने साधा निशाना

झारखंड में बाबूलाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर सियासी सरगर्मी को बढ़ा दिया है. अब बाबूलाल पर सत्ता पक्ष हमलावर हो गई.

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Vineeta Kumari
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बाबूलाल मरांडी ने राज्य में की राष्ट्रपति शासन की मांग( Photo Credit : फाइल फोटो)

झारखंड में बाबूलाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर सियासी सरगर्मी को बढ़ा दिया है. अब बाबूलाल पर सत्ता पक्ष हमलावर हो गई. झामुमो ने बाबूलाल को पहले भाजपा में स्थापित करने की सलाह दी है. साथ ही कह डाला कि जब कोई काम नहीं कर पा रहे हैं, तो राज्यपाल के चौखट पर पहुंच कर बोल रहे है "चचा राष्ट्रपति शासन लगा दीजिए". इस मामले में झामुमो केंद्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता कर बाबूलाल और भाजपा पर निशाना साधा है. झामुमो केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा हो चुकी है. सभी राज्यों से सूचनाएं मिल रही है कि भाजपा की हालत खराब है. कई राज्यों के एग्जिट पोल की सूचना भी सामने आई है. तमाम सूचना के बाद भाजपा हतास दिख रही है. खुद को पराजित शक्ति मान कर एक के बाद एक कार्रवाई करने में जुटी है.

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बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल को लिखा पत्र

वहीं, बाबालूल के पत्र के बाद झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक राज्यपाल को पत्र लिखा है. इस पत्र में जिक्र सूत्र का किया है, अब उनका सूत्र कौन है? कहां से आया है? उन्हें मालूम नहीं है. राज्य में सिस्टम क्लोपस होने का दावा किया है. उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बोम्बई की सरकार को इसी तरह से बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा था, जिसमें कोर्ट ने साफ कहा था कि किसी भी सरकार को बहुमत में रहने पर अपदस्थ नहीं किया जा सकता है.

विपक्ष ने साधा निशाना

इसके साथ ही एनसीपी के विधायक कमलेश सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर हुसैनाबाद को जिला नहीं बनाया गया, तो वह समर्थन वापस ले लेंगे. शायद बाबूलाल उनके ही समर्थन वापस लेने पर सरकार के अल्पमत में आने का सोच लिया होगा. बाबूलाल चले थे संकल्प लेकर, लेकिन उन्हें रास्ते में ही पता चला कि कोई संकल्प तो है ही नहीं, ना कोई जनसमर्थन मिल रहा है. साथ ही अखबार और चैनलों में उन्हें जगह नहीं मिल रही थी. उन्होंने सोचा कि एक पत्र लिख देते हैं, जिससे पेपर में फोटो और चैनलों में एक वीडियो चल सके.

बाबूलाल के दावों को बताया गलत

बाबूलाल ने राज्य में अपराध बढ़ने का दावा किया है, लेकिन गृह मंत्री के साथ बैठक में CM ने  संगठित गिरोह, उग्रवादी पर कैसे लगाम लगाया गया है, इसकी जानकारी दी है. हम अब भी मानते हैं कि राज्य में पूरी तरह से उग्रवादी खत्म नहीं हुए हैं. हम बूढ़ापहाड़ पर जीत हासिल कर चुके हैं. जहां आज तक कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, वहां मुख्यमंत्री पहुंच कर सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का काम किया है. हम भाजपा के जैसे पूरी तरह से उग्रवादियों के खात्मे का दावा नहीं करते हैं. उग्रवादियों के खात्मे के अभियान में रघुवर सरकार में बकोरिया कांड को अंजाम दिया है. हम ऐसा नहीं करते हैं, जो सच है वह दिखाते हैं.

बाबूलाल को रघुवर दास नहीं मानते बड़े नेता

बाबूलाल खुद को बड़ा नेता मानने लगे हैं, लेकिन बाबूलाल को खुद रघुवर दास नेता नहीं मानते हैं. अगर जमशेदपुर में कोई प्रोग्राम होता है, तो वहां से बाबूलाल का फोटो गायब कर दिया जाता है. बाबूलाल को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया, लेकिन अब प्रदेश कार्यसमिति का विस्तार नहीं कर सके. विधानसभा में चार साल से एक नेता प्रतिपक्ष नहीं चुन सके है. नेता प्रतिपक्ष के नहीं रहने से कई कठिनाई हो रही है. ऐसे में संसदीय कार्य का काम बाधित है. यहां से भाजपा का निबंधन रद्द होने चाहिए. खुद एक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर सके और राज्यपाल के पास पहुंच गए. 

HIGHLIGHTS

  • बाबूलाल मरांडी ने राज्य में की राष्ट्रपति शासन की मांग
  • राज्य में सियासी पारा हाई
  • विपक्ष ने बाबूलाल पर साधा निशाना

Source : News State Bihar Jharkhand

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