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CAB पर बिहार में सियासी बवाल, सड़कों पर उतरा विपक्ष तो JDU में 'दरार'

इस बिल को लेकर जदयू के समर्थन और विपक्ष के प्रदर्शन से बिहार की सियासत काफी गरमा गई है.

Updated on: 11 Dec 2019, 05:35 PM

पटना:

नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Ammendment Bill) लोकसभा में पास तो हो गया, मगर अब इस बिल पर एक नया बखेड़ा नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के अंदर शुरू हुआ है. जदयू पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और स्ट्रेटजीस्त प्रशांत किशोर ने इसका विरोध किया. पार्टी के एक एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खत लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की. इस बीच मौका देख विपक्ष भी पटना की सडकों पर उतर आया. विधेयक के विरोध में राजधानी में विपक्ष सड़क पर उतरा, परंतु अलग-अलग. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और कार्यकर्ता जहां तेजस्वी यादव के नेतृत्व में धरने पर बैठे, वहीं कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के नेतृत्व में प्रदर्शन किया.

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ट्रिपल तलाक, राम जन्मभूमि, धारा 370 जैसे कई मामले जिस पर एनडीए के अंदर खासकर बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार का भारतीय जनता पार्टी से मतभेद रहा, मगर मौका आया तो खुलकर विरोध नहीं कर पाए. अब इसमें एक नया नाम जुड़ा नागरिकता संशोधन बिल का, जिसमें विरोध तो दूर नीतीश कुमार ने समर्थन ही कर दिया. अब इस मुद्दे पर जदयू के अंदर घमासान मचा हुआ है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर अपने दल के CAB पर स्टैंड को गलत बताया. इसे पार्टी के संविधान से अलग आचरण बताया.

इधर, पार्टी निर्णय के बचाव में उतरी. जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने न्यूज नेशन से कहा कि पार्टी के अंदर लोकतंत्र है. सभी को अपना मत रखने का हक है, मगर पार्टी ने वही निर्णय लिया है, जो दल के अंदर का बहुमत था. नीतीश कुमार के धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. उन्होंने ये भी साफ किया की लंबे संवाद के बाद हमने समर्थन का निर्णय लिया. जदयू तो मामले को दबाने के प्रयास में है, मगर बीजेपी को ये विरोध रास नहीं आया. बीजेपी ने जदयू नेता प्रशांत किशोर पर हमला बोला है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने तल्खी के साथ ट्वीट कर प्रशांत किशोर को इशारे में खुद को राष्ट्र से बड़ा ना बनने की हिदायत दी और विरोध करने वालों को फालतू भी बताया.

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वहीं दूसरी ओर, इस बिल को लेकर विपक्ष आंदोलन की राह पर चल पड़ा है. नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता सड़क पर उतरे. इस दौरान तेजस्वी यादव के साथ राजद कार्यकर्ता धरने पर बैठे और प्रदर्शन किया. पटना में जेपी गोलंबर के पास तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में राजद के कार्यकर्ताओं, नेताओं ने धरना दिया और केंद्र की ओर से संसद में पेश नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर हंगामा किया. तेजस्वी यादव ने केंद्र और बिहार सरकार पर निशाना साधा और कहा कि केंद्र सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। उन्होंने कहा कि धर्म और जाति के आधार पर नागरिकता संशोधन विधेयक है.

इसके अलावा कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संसद में पेश नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में पटना के गांधी प्रतिमा से लेकर कारगिल चौक तक प्रदर्शन किया. इसमें बिहार कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा सहित कई कांग्रेसी शामिल हुए. इस दौरान कांग्रेस नेता लगातार केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी करते रहे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के बहाने सरकार देश में गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा जैसे तमाम समस्याओं से ध्यान भटका रही है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान के विरोध में है. धरना स्थल पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और तेज प्रताप यादव सहित कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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यूं तो राजनीतिक निर्णयों के कई पहलू होते हैं, जदयू ने इस बिल का समर्थन तो किया, मगर अंदरखाने चर्चा ये भी हो रही है कि प्रशांत किशोर का ट्वीट रणनीति का हिस्सा तो नही. कहीं प्रशांत किशोर के जरिये नीतीश कुमार विरोधियों के खेमे में अपना विकल्प तो खोल के नहीं रखना चाहते हैं. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले मुस्लिम वोट बैंक को बचाए रखने की कवायद तो नहीं हैं. हकीकत जो भी, मगर अभी इस बिल को लेकर जदयू के समर्थन और विपक्ष के प्रदर्शन से बिहार की सियासत काफी गरमा गई है.