Bihar Politics News: चिराग पासवान द्वारा देशभर में जातीय जनगणना की मांग ने बिहार की राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म दिया है. इस मांग पर महागठबंधन के नेताओं की प्रतिक्रिया विविध रही है. राजद और कांग्रेस के नेता इस मुद्दे पर अलग-अलग दृष्टिकोण अपनाए हुए हैं. एक ओर जहां राजद के तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान पर निशाना साधा, वहीं कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने चिराग की इस पहल की सराहना की है.
चिराग पासवान की मांग और जदयू का समर्थन
आपको बता दें कि चिराग पासवान ने हाल ही में जातीय जनगणना की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि सरकार को विभिन्न जातियों की जनसंख्या की सटीक जानकारी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह जानकारी नीति निर्धारण और विकास योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है. उनकी इस मांग ने जातीय गणना के मुद्दे को फिर से गर्म कर दिया है. एनडीए के घटक दल जदयू के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने भी चिराग पासवान का समर्थन करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया था और चिराग की इस मांग को समर्थन देना एक सही कदम है.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की प्रतिक्रिया
वहीं महागठबंधन के अन्य नेताओं में कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने चिराग पासवान की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने सही मुद्दा उठाया है. अखिलेश प्रसाद सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान चिराग को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हें भारत सरकार पर इस मुद्दे पर दबाव बनाना चाहिए. इसके साथ ही, उन्होंने भाजपा सांसद कंगना राणावत की किसान आंदोलन पर की गई टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन लोगों को किसानों से कोई सरोकार नहीं है.
तेजस्वी यादव का तीखा हमला
इसके अलावा आपको बता दें कि राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान पर तीखा हमला बोलते हुए उनकी कथनी और करनी में अंतर की ओर इशारा किया. तेजस्वी ने कहा कि चिराग पासवान वर्तमान सरकार का हिस्सा हैं और यदि जातीय गणना नहीं हो रही है, तो इसका मतलब है कि चिराग पासवान और उनकी पार्टी वास्तव में इसे कराने के पक्ष में नहीं हैं. तेजस्वी ने अपनी पार्टी के रुख को दोहराते हुए कहा कि राजद जातीय गणना के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इसे पूरे देश में कराने की दिशा में काम कर रही है.