Political News: जहां एक तरफ देश में सियासी बयानबाजी जोरों पर है तो वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने ओडिशा के भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम के दौरान पश्चिम बंगाल की राजनीति पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में वर्तमान में लोकतंत्र का अभाव है और वहां की सरकार तानाशाही की राह पर चल रही है. ललन सिंह ने कहा, ''आज पश्चिम बंगाल में कोई लोकतंत्र नहीं है. असल मायने में वहां तानाशाही चल रही है. यह वही मॉडल है, जिसे पहले सीपीएम सरकार ने अपनाया था. ममता बनर्जी ने भी उसी मॉडल को अपना लिया है और उसी राह पर काम कर रही हैं. साथ ही आगे ललन सिंह ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ''ममता सरकार बंगाल के लोगों का अपमान कर रही हैं, यहां ममता सरकार का अपमान नहीं हो रहा है, कोई भी उनका बचाव नहीं कर रहा है.'' अब ललन सिंह के इस बयान से सियासी गलियारों में हलचल मच गई है.
ललन सिंह के आरोप पर सियासत तेज
आपको बता दें कि ललन सिंह का यह बयान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार की कार्यशैली पर सीधा हमला है. उन्होंने ममता सरकार की नीतियों की तुलना सीपीएम की पिछली सरकार से की, जो राज्य में लंबे समय तक सत्ता में थी. वहीं ललन सिंह ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी वही गलतियां दोहरा रही हैं जो पहले की सरकारों ने की थीं, जिससे राज्य की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को गंभीर नुकसान पहुंचा है.
ममता बनर्जी पर जनता का अपमान करने का आरोप
साथ ही आपको बता दें कि आगे ललन सिंह ने कहा, ''ममता बनर्जी जिस तरह से शासन कर रही हैं, वह जनता का अपमान है. जनता ने ममता बनर्जी को इसलिए चुना था ताकि वह बदलाव लाएं और पुराने शासन की कमियों को दूर करें. लेकिन वह उन्हीं नीतियों पर चल रही हैं, जिनकी वजह से सीपीएम की सरकार को सत्ता से हटना पड़ा था.''
इसके अलावा आपको बता दें कि ललन सिंह के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार के बीच राजनीतिक टकराव बढ़ता जा रहा है. टीएमसी सरकार पर आरोप लगते रहे हैं कि वह राज्य में विरोधी दलों को दबाने और उनके नेताओं को निशाना बनाने की कोशिश कर रही है.
बहरहाल, ललन सिंह के अनुसार, पश्चिम बंगाल में जो राजनीतिक माहौल बना हुआ है, वह लोकतंत्र के लिए हानिकारक है. ललन सिंह ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता को तानाशाही के इस दौर से मुक्ति दिलाने के लिए लोकतांत्रिक शक्तियों को एकजुट होना होगा.