महागठबंधन की रैली( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
बिहार में सियासी यात्राओं की झलक दिख रही है. पार्टी भले ही अलग अलग हो, लेकिन इन तमाम यात्राओं का मकसद जनता की नब्ज टटोलना ही है. अब तक अलग-अलग यात्रा पर निकले महागठबंधन के ये तमाम घटक दल अब 25 फरवरी को एक साथ दिखने वाले हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा का समापन हो गया है. हम प्रमुख जीतनराम मांझी भी गरीब संपर्क यात्रा पर निकले हैं. कांग्रेस भी हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा के जरिये जनता को साथ जोड़ने की कवायद में है. माले भी महाधिवेशन के जरिये शक्ति प्रदर्शन दिखाने की कोशिश में है और इन सब के बीच महागठबंधन के ये तमाम साथी एक मंच पर साथ आने वाले हैं.
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मतभेद जरूर, लेकिन चुनाव के लिए एक
विभिन्न मुद्दों पर महागठबंधन के इन घटकों के बीच मतभेद जरूर है, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले पहली बार नीतीश कुमार, जीतनराम मांझी, तेजस्वी यादव और माले के तमाम नेता कैमूर में एक मंच पर दिखने वाले हैं. ऐसे में महागठबंधन की 25 फरवरी को होने वाली इस रैली पर सभी की नजरें टिकी हुई है. नजर टिकने की वजह भी है. क्योंकि इसी दिन गृहमंत्री अमित शाह बिहार आ रहे हैं. शाह बीजेपी के मिशन 24-25 को धार देने के लिए बिहार आ रहे हैं.
ताकत दिखाने की होड़
दरअसल महागठबंधन में अब तक ताकत दिखाने की जोर होड़ लगी है. उसमें अब ये तमाम घटक दल साथ आकर मुकाबला बीजेपी से करने वाले हैं. पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में महागठबंधन की इस रैली को लेकर तैयारियां भी जोर शोर से चल रही हैं. 25 फरवरी को पूर्णिया में महागठबंधन की रैली होगी. इस रैली में आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस और 'हम' एक साथ होंगे. वीसी के जरिये लालू के भी जुड़ने की संभावना है. महारैली से महागठबंधन की ताकत दिखाने की कोशिश की जाएगी.
2024 पर नजर
भले ही बिहार की सियासी जमीन पर अपनी पकड़ बनाने के लिए महागठबंधन के तमाम घटक दल अलग-अलग यात्रा कर रहे हों, लेकिन 2024 के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए ये एकसाथ जुटे हैं. एकजुट होकर महारैली की तैयारियों में लगे हैं.