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इस राज्य में शराब के साथ जब्त गाड़ियों पर सवार होकर पुलिस तस्करों को पकड़ेगी

जिलाधिकारी ने कहा कि शराबबंदी अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए छापेमारी में अवैध शराब के परिवहन व भंडारण, बिक्री में पकड़े गए वाहनों या भवनों को जब्त किया जा रहा है.

Updated on: 13 Mar 2021, 08:24 PM

highlights

  • बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर जमकर सियासत हो रही है.
  • शराब के साथ जब्त वाहनों पर सवार होकर पुलिस तस्करों को पकड़ेगी.
  • थाने के आधुनिकीकरण के लिए पुलिस विभाग को प्रस्ताव दिया गया है.

पटना:

बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर जमकर सियासत हो रही है. इस बीच उन वाहनों को भी सरकारी कार्य में लगाने का निर्णय लिया गया है, जिसको शराब बरामदगी के बाद जब्त किया गया है. अब इन वाहनों पर सवार होकर पुलिसकर्मी शराब तस्करों की खोज करेंगे. पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि शराब के अवैध धंधे में लिप्त लोगों से जब्त एक हजार से ज्यादा वाहनों को अब सरकारी कार्यालयों में इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इन वाहनों को आवश्यकतानुसार थाना और सरकारी कार्यालयों को दिया जाएगा. जिलाधिकारी शुक्रवार को शराबबंदी की समीक्षा की थी. इसके दौरान बताया गया कि पटना जिले में शराब बरामदगी के दौरान 3,326 वाहनों को जब्त किया गया था. इनमें से अदालत के आदेश के बाद 305 वाहनों को मुक्त किया गया है, जबकि 557 वाहनों को नीलाम कर दिया गया.

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उन्होंने कहा कि 1,037 वाहनों को राज्यसात किया गया है, जिन्हे अब सरकारी कार्यो में इस्तेमाल किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों शराब के अवैध धंधे में जब्त बाइपास स्थित गोदाम को राज्यसात करने के बाद थाना खोला गया है. इस थाने के आधुनिकीकरण के लिए पुलिस विभाग को प्रस्ताव दिया गया है. जिलाधिकारी ने कहा कि शराबबंदी अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए छापेमारी में अवैध शराब के परिवहन व भंडारण, बिक्री में पकड़े गए वाहनों या भवनों को जब्त किया जा रहा है.

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बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर सियासत जारी है. बिहार विधानसभा में भी शनिवार को राज्य में अवैध शराब बिक्री के मुद्दे पर राजद सहित विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया. विपक्ष राज्य के मंत्री रामसूरत राय के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा किया. इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने राजभवन मार्च किया और राज्यपाल से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सदन में विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा है. सदन पर सत्ता पक्ष का कब्जा हो गया है.

विधानसभा की कार्यवाही शनिवार को प्रारंभ होने के पहले ही मंत्री रामसूरत राय के इस्तीफे की मांग को लेकर राजद के सदस्यों ने विधानमंडल परिसर में प्रदर्शन किया. सदन की कार्यवाही जब प्रारंभ हुई तब विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे. विपक्ष लगातार मंत्री राय के इस्तीफे की मांग पर अड़ा रहा.