PM मोदी SC/ST के लोगों को सचिवालय में नहीं शौचालय में बैठाना चाहते हैं- तेजस्वी यादव

Tejashwi Yadav on PM Modi: तेजस्वी यादव ने यूपीएससी लेटरल एंट्री को लेकर पीएम नरेद्र मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह लोग SC/ST के लोग सचिवालय में बैठे, ये लोग चाहते हैं कि दलित लोग शौचालय में बैठे.

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Vineeta Kumari
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लेटरल एंट्री पर तेजस्वी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

Tejashwi Yadav on PM Modi: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जुबानी हमला बोला है. आरजेडी नेता ने यूपीएससी लेटरल एंट्री को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं. हमलोग शुरुआत से ही बोल रहे थे कि यह लोग आरक्षण विरोधी हैं. ये सरकार एससी/एसटी के खिलाफ हैं और ये लोग संविधान के भी खिलाफ हैं. पीएम मोदी और बीजेपी के लोग चाहते ही नहीं है कि SC/ST के लोग सचिवालय में बैठे, ये लोग चाहते हैं कि दलित लोग शौचालय में बैठे.

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तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी पर लेटरल एंट्री को लेकर साधा निशाना

आगे बोलते हुए तेजस्वी ने एनडीए के सहयोगी दलों पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी, चिराग पासवान सभी लोग सरकार में हैं और देख रहे हैं कि बीजेपी वाले किस तरह से काम कर रहे हैं. संविधान में आरक्षण का प्रावधान है. यूपीएससी के लिए आयोग बना हुआ है. सरकारी परीक्षाओं में आरक्षण का प्रावधान है.

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सचिवालय में नहीं शौचालय में बैठाना चाहते हैं- तेजस्वी यादव

बावजूद इसके केंद्र सरकार इस तरीके से काम कर रही है. इस तरह से वह संघ के लोगों को भरने की कोशिश कर रहे हैं. प्रधानमंत्री खुद को पिछड़े का बेटा कहते हैं, लेकिन ये हर जगह से आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं.  यह लोग चाहते ही नहीं है कि पिछड़े तबके के लोग आगे आए. अहम पदों पर बैठें. ये लोग सिर्फ संघ के लोगों को भरना चाहते हैं और उन्हीं के इशारों पर काम करते हैं. 

जानें क्या है लेटरल एंट्री

विपक्ष के भारी विरोध के बाद पीएम मोदी के निर्देश के बाद यूपीएससी में लेटरल एंट्री के विज्ञापन को कैंसिल करने का आदेश दिया गया है. जिसके तहत यूपीएससी के विभिन्न विभागों में 45 पदों पर नियुक्तियां निकाली गई थी और इन पदों को लेटरल एंट्री के जरिए भरा जा रहा था. इसके लिए परीक्षा नहीं ली जा रही थी, बल्कि सिर्फ इंटरव्यू के जरिए कैंडिडेट को चुना जाना था. इस तरह से इसमें आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया था. जिसे लेकर विपक्ष केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही थी.

 

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