पीएम मोदी शनिवार को पहली बार बिहार के पुर्णियां में बाढ़ क्षेत्रों का हवाई दौरा करने पहुंचे। इस दौरे के बाद पीएम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों के लिए 500 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है।
इतना ही नहीं उन्होंने बिहार सरकार को भरोसा दिलाया है कि केंद्र सरकार आगे भी बाढ़ से प्रभावित इलाक़ों में पुनर्वास कार्यों के लिए मदद करेगी।
बता दें कि बिहार में बाढ़ की वजह से अब तक 418 लोगों की मौत हौ चुकी है वहीं लाख़ो की संख्या में लोग प्रभावित हैं। ये पहला मौक़ा है जब पीएम मोदी बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाक़ो का दौरा करने पहुंचे।
शनिवार सुबह पीएम मोदी पुर्णियां पहुंचे थे जहां बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उनकी आगवानी की। बाद में दोनो हेलिकॉप्टर से प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए रवाना हुए।
हवाई दौरे के बाद पुर्णियां में पीएम मोदी ने सीएम के साथ उच्चस्तरीय अधिकारियों की बैठक बुलाई और हालात और राहत कार्यों का जायज़ा लिया। इस दौरान राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी उनके साथ मौजूद थे।
जिसके तुरंत बाद पीएम मोदी ने बाढ़ राहत के लिए 500 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने बिहार सरकार को आगे भी मदद का भरोसा दिया है।
उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार एक टीम को बिहार में बाढ़ से होने वाले नुकसान का मुआयना करने भेजेगी, जिसके बाद नुकसान के हिसाब से सहायता राशि दी जाएगी।'
गौरतलब है कि राज्य के 19 जिलों के 186 प्रखंडों की 1.61 करोड़ से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 418 लोगों की मौत हो चुकी है।
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आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े के मुताबिक, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ से 39 लोगों की मौत हुई है, जिस कारण बाढ़ से मरने वालों की संख्या 418 तक पहुंच गई है।
अररिया में सबसे ज्यादा 87 लोगों की मौत हुई है, जबकि किशनगंज में 24, पूर्णिया में नौ, कटिहार में 40, पूर्वी चंपारण में 32, पश्चिमी चंपारण में 36, दरभंगा में 26, मधुबनी में 28, सीतामढ़ी में 43, शिवहर में चार, सुपौल में 16, मधेपुरा में 22, गोपालगंज में 20, सहरसा में आठ, मुजफ्फरपुर में सात, समस्तीपुर में दो तथा खगड़िया और सारण में सात-सात लोगों की मौत हुई है। सीवान के एक प्रखंड की चार पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है। यहां से किसी की मौत की सूचना नहीं है।
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आपदा प्रबंधन विभाग के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बाढ़ग्रस्त जिलों में राहत और मरम्मत कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित जिलों में लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ ) की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
एक अधिकारी के मुताबिक, 'राज्य के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में शिविरों में शरण लिए हुए लोग अब अपने घर लौटने लगे हैं। इस कारण राहत शिविरों की संख्या कम की जा रही है। फिलहाल 368 राहत शिविर चल रहे हैं, जिनमें करीब 1़59 लाख से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। इन क्षेत्रों में अभी भी 1,403 सामुदायिक रसोई चल रही हैं।'
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Source : News Nation Bureau