/newsnation/media/post_attachments/images/2023/06/05/madhubani-school-38.jpg)
बुनियादी सुविधाओं से छात्र महरूम.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)
बिहार में सरकारी स्कूलों की बदहाली की तस्वीरें आए दिन देखने को मिल जाती है. एक बार फिर मधुबनी से कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है, जहां प्राथमिक स्कूल में छात्र क्लासरूम से लेकर बेंच और डेस्क तक के लिए भी तरस रहे हैं. छात्रों को स्कूल में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है. मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड के फुलहर राज्यकीय कन्या प्राथमिक स्कूल में बदइंतजामी का अबार लगा है. इस स्कूल में पहली से 5वीं तक के छात्रों की पढ़ाई होती है. यहां छात्रों की संख्या 210 के करीब है, लेकिन क्लासरूम के नाम पर सिर्फ दो छोटे कमरे. इसी दो क्लासरूम में ऑफिस से लेकर मिड डे मिल के चावल के लिए गोदाम तक है. आलम ये है कि छोटे-छोटे बच्चे कहीं बोरी बिछाकर तो कहीं बरामदे में बैठते हैं.
क्लासरूम की सुविधा भी नहीं
कायदे से इस स्कूल में कम से कम 5 क्लासरूम और एक ऑफिस होना चाहिए, लेकिन यहां क्लासरूम तो दूर की बात है बच्चों के बैठने के लिए बेंच और डेस्क भी नहीं है. बच्चे झुंड बनाकर बैठकर पढ़ाई करते हैं. इसके अलावा यहां शिक्षकों की भी कमी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां बच्चों की पढ़ाई का स्तर कैसा होगा. स्कूल प्रिंसिपल की मानें तो शिक्षा विभाग से उन्हें कोई मदद नहीं मिलती. बार-बार शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई.
यह भी पढ़ें : Bhagalpur Bridge Collapse: 1700 करोड़ का पुल 17 महीने ना टिक पाया, गंगा में समाया
कहते हैं बच्चे ही किसी भी राज्य या देश के भविष्य होते हैं, लेकिन बिहार में इन्हीं भविष्यों के साथ खिलवाड़ होता है. सरकारी स्कूलों को लेकर सरकार के दावे एक तरफ और धरालत की कड़वी हकीकत एक तरफ. बार-बार इस तरह की तस्वीरों को देख मन में सिर्फ यही सवाल उठता है और वो ये कि अगर ऐसे पढ़ेगा तो कैसे आगे बढ़ेगा बिहार.
रिपोर्ट : प्रशांत झा
HIGHLIGHTS
- 'भविष्य' से खिलवाड़... कौन जिम्मेदार?
- बुनियादी सुविधाओं से छात्र महरूम
- ना क्लासरूम की सुविधा... ना बेंच-डेस्क का इंतजाम
- ऐसे पढ़ेगा तो कैसे बढ़ेगा बिहार?
Source : News State Bihar Jharkhand