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बिहार में ही खिलाड़ियों को मिलेगा विदेशी ट्रेनर से सीखने का मौका, नीदरलैंड से आए ग्रैंड मास्टर

विदेश के ट्रेनर से सीखने का मौका अब उन्हें मिलेगा क्योंकि नीदरलैंड से पहली बार ग्रैंड मास्टर कंचो बिहार आय हैं. जिनका भव्य स्वागत किया गया. मुजफ्फरपुर में 15 दिनों तक खिलाड़ियों को मार्शल आर्ट की विशेष ट्रेनिंग देंगे.

Updated on: 28 Nov 2022, 12:40 PM

Hajipur:

विदेश में जाकर पढ़ने का सपना हर एक छात्र का होता है. लेकिन ये सपना बहुत ही कम लोगों का पूरा हो पता है. कराटे सीखने वालों के लिए अब एक अच्छी खबर है. विदेश के ट्रेनर से सीखने का मौका अब उन्हें मिलेगा क्योंकि नीदरलैंड से पहली बार ग्रैंड मास्टर कंचो बिहार आय हैं. जिनका भव्य स्वागत किया गया. मुजफ्फरपुर में 15 दिनों तक खिलाड़ियों को मार्शल आर्ट की विशेष ट्रेनिंग देंगे. बता दें कि, 2 दिसंबर से 4 दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रशिक्षण सेमिनार सह बेल्ट ग्रेडिंग टेस्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है. 

ग्रैंड मास्टर का हुआ भव्य स्वागत

वैशाली के भगवानपुर में यूरोपियन कंट्री नीदरलैंड से आए मेहमान ग्रैंडमास्टर कंचों का जोरदार स्वागत किया गया. पटना एयरपोर्ट से मुजफ्फरपुर जाने के दौरान ग्रैंड मास्टर को भगवानपुर अड्डा चौक पर रोका गया जहां उनका भव्य स्वागत किया गया. बताया जा रहा है कि काचों वर्ल्ड जेन टू सीन कराटे फाउंडेशन के चेयरपर्सन है. जो पहली बार भारत दौरे पर आय हैं. 

विदेशी कोच के द्वारा खिलाड़ियों को दी जाएगी ट्रेनिंग

सबसे पहले वो मुजफ्फरपुर में ब्रांच का निरीक्षण करेंगे. इसके साथ ही मुजफ्फरपुर के खिलाड़ियों को भी विदेशी कोच के द्वारा मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जाएगी. इस संस्था से जुड़े राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि मुजफ्फरपुर में इंटरनेशनल कराटे का सेमिनार होने वाला है और बिहार के खिलाड़ियों की मांग थी कि विदेशी कोच यहां क्यों नहीं आते तो इसलिए हमने नीदरलैंड्स से इनको बुलाया है. यह वर्ल्ड ग्रैंडमास्टर ब्लैक बेल्ट 10 डन है. ताकि बिहार के खिलाड़ियों को भी विदेशी कोचों से सीखने का मौका मिल सकें. 

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15 दिनों तक चलेगी ट्रेनिंग

आपको बता दें कि, 15 दिनों तक खिलाड़ियों के लिए इंटरनेशनल कोचिंग का ट्रेनिंग चलाया जाएगा जिसमें पूरे बिहार के खिलाड़ी पार्टिसिपेट करेंगे. वहीं, संस्था की सचिव शिल्पी सिंह ने बताया कि हम लोग चार-पांच सालों से सोच रहे थे कि नीदरलैंड से इनको बुलाना है और फाइनली इनका आना संभव हो सका है. जिससे कराटे सीखने वाले बच्चे काफी उत्साहित हैं. हमारी कोशिश रहेगी कि हम हर साल बुलाकर बच्चों को ट्रेनिंग दिलवा सके. 

रिपोर्ट - दिवेश कुमार