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गया में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पिंडदान हुआ शुरू( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
गया में 15 दिनों का पितृपक्ष मेला शुरू हो गया है, पहले दिन करीब 50 हजार पिंडदानी गया पहुंचे. जहां लोग अपने पितरों को मोक्ष व उद्धार दिलाने की कामना के साथ पहुंचे हैं. मोक्ष की नगरी गयाजी में आज से पिंडदान व कर्मकांड की प्रक्रिया शुरू हो गई है. देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों के द्वारा फल्गु नदी स्थित देवघाट सहित अन्य पिंड विधियों पर पिंडदान की प्रक्रिया की जा रही है. वहीं पूरे विधि विधान से स्थानीय पंडा समाज के द्वारा पिंडदान कर्मकांड को संपन्न कराया जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि गयाजी में पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और यही वजह है कि इस पितृपक्ष मेला की अवधि में लाखों की संख्या में तीर्थयात्री यहां आकर अपने पितरों को मोक्ष की कामना करते हैं.
पितृपक्ष मेला में पहली बार टेंट सिटी की व्यवस्था की गई है. गया के गांधी मैदान में दो और घुघारी टांड बाइपास स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में एक टेंट सिटी बनाई गई है. प्रत्येक में पांच-पांच हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था होगी. कुल मिलाकर एक दिन में 65 हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था रहेगी.
कोरोना की वजह से 2 साल से गया में पितृपक्ष मेला का आयोजन नहीं किया जा रहा था यानि की 2 सालों के बाद एक बार फिर से पिंडदान के लिए भारी संख्या में तीर्थयात्रि गया पहुंच रहे हैं. बता दें कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने फल्गु नदी पर देश के सबसे बड़े रबर डैम का शुभारंभ किया और इसी के साथ जो फल्गु नदी सुख जाती थी, अब उसमें सालभर करीब 2 फीट पानी बहता रहेगा. दरअसल, ऐसी मान्यता है कि फल्गु नदी श्रापित है. यह नदी मां सीता की श्राप की वजह से हमेशा सूखी रहती थी, लेकिन डैम बनने के बाद सालभर पानी बहता रहेगा. साथ ही इस डैम में बरसात के दिनों में बहने वाला पानी जमा होगा.
Source : News Nation Bureau