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गंदगी का अंबार, कैसे हो व्यापार? कृषि बाजार समिति की बदहाली का कौन जिम्मेदार

गंदगी का अंबार और दलदल में तब्दील रास्ते फारबिसगंज कृषि उत्पादन बाजार समिति की है, जहां गंदगी और कीचड़ के बीच व्यापारी व्यवसाय करने को मजबूर हैं.

Updated on: 27 Oct 2023, 05:20 PM

highlights

  • ना सड़क की सुविधा, ना पानी का इंतजाम
  • कृषि बाजार समिति की बदहाली का जिम्मेदार कौन?
  • आश्वासन के बाद भी क्यों नहीं बदली हालत?

 

Araria:

गंदगी का अंबार और दलदल में तब्दील रास्ते फारबिसगंज कृषि उत्पादन बाजार समिति की है, जहां गंदगी और कीचड़ के बीच व्यापारी व्यवसाय करने को मजबूर हैं. फारबिसगंज कृषि उत्पादन बाजार समिति की बदहाली व्यापारियों के साथ ग्राहकों के लिए भी जी का जंजाल बन गई है. यहां बदइंतजामी की फेहरिस्त लंबी है. साफ-सफाई के हालात तो तस्वीरों से ही बयां हो रहे हैं. इसके अलावा ना तो सड़क है, ना ही पेयजल का इंसताम और ना ही शौचालय की व्यवस्था. ये हालात तब हैं जब कृषि बाजार समिति लाखों रुपये राजस्व देती है. बावजूद यहां के व्यापारी गंदगी और बीमारी के डर के बीच व्यापार कर रहे हैं. यहां हर दिन करीब 60 से 70 लाख रुपये की सब्जी और फल की खरीद-बिक्री होती है.

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कृषि बाजार समिति की बदहाली का जिम्मेदार कौन?

जानकारों के मुताबिक बाजार समिति में 80 के करीब लाइसेंसधारी व्यवसायी है. जबकि गैर सरकारी व्यवसायियों की संख्या दो सौ के करीब है. जिससे लाखों रुपये राजस्व मिलता है, लेकिन सरकारी स्तर पर कोई सुविधा नहीं है. जिससे व्यवसायियों में प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश है. बाजार समिति की हालत की जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन को भी है. लेकिन हालात सुधारने के बजाय इन्हें सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. व्यापारियों ने बार-बार प्रशासन से भी गुहार लगाई है, लेकिन बदहाली जस के तस है.

वहीं, समस्या को लेकर जब RJD के प्रधान महासचिव से सवाल किया गया तो उन्होंने जल्द समस्या के समाधान का आश्वासन दे दिया. बाजार समिति के व्यापारियों को एक और आश्वासन तो मिल गया है. लेकिन देखना ये होगा कि ये भी सिर्फ आश्वासन बनकर रह जाएगा या इसपर कोई सुनवाई भी होगी.