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पुलिस मुख्यालय के सामने शख्स ने की आत्मदाह की कोशिश, पुलिस ने लिया हिरासत में

पुलिस मुख्यालय के सामने आत्मदाह का प्रयास करने वाले ब्रह्मर्षि को पुलिस ने हिरासत में लेकर एम्बुलेंस से अस्पताल भेज दिया.

Updated on: 21 Feb 2020, 11:55 AM

पटना:

राजधानी पटना (Patna) स्थित राज्य पुलिस मुख्यालय के सामने गुरुवार को मुस्लिम तुष्टिकरण के तहत झूठे मामले में फंसाने का आरोप सरकार पर लगाते हुए आत्मदाह का प्रयास करने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. बिहार (Bihar) के वैशाली जिला निवासी राजीव ब्रह्मर्षि ने सोशल मीडिया के जरिए गुरुवार को आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी. आत्मदाह की आशंका को देखते हुए पुलिस पहले से ही सचेत थी. बिहार पुलिस मुख्यालय के सामने आत्मदाह का प्रयास करने वाले ब्रह्मर्षि को पुलिस ने हिरासत में लेकर एम्बुलेंस से अस्पताल भेज दिया.

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घटनास्थल पर मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि इस संबंध में पहले से जानकारी होने से एहतियात के तौर पर पुलिसकर्मी और मजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे. व्यक्ति के खिलाफ कानून के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी. ब्रह्मर्षि ने आरोप लगाया है कि फुलवारीशरीफ मामले में नागेश सम्राट पर प्रशासन की तरफ से जो कार्रवाई की गयी है वो पूरी तरह गलत है. स्वयं को हिंदू पुत्र संगठन का संरक्षक बताने वाले ब्रह्मर्षि ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा था कि वह पटना के पटेल भवन के सामने आत्मदाह करेगा.

पिछले साल 21 दिसंबर को सीएए-एनपीआर-एनआरसी के विरोध में राजद के राज्यव्यापी बंद के दौरान फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र के हारून नगर इलाके में हुई हिंसा में 17 वर्षीय अमीर हंजला लापता हो गया था और एक हफ्ते बाद उसका शव जलकुंभी से ढंके पानी से भरे एक गड्ढे से बरामद किया गया था. स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि कुछ हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं ने तिरंगा लेकर नारे लगा रहे हंजला को निशाना बनाया था. इस मामले में एक स्वयंभू हिंदू संगठन के कई लोग गिरफ्तार किए गए थे.

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ब्रह्मर्षि ने दावा किया कि हाल ही में 'श्री राम सेना' के कुछ शीर्ष पदाधिकारियों के साथ, इस मामले में उच्च स्तर पर हस्तक्षेप के लिए वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी संजय गांधी से मिलने जदयू के राज्य मुख्यालय गये थे पर संजय हिंदू कार्यकर्ताओं को देखकर भड़क गए और हमें उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी से मिलने को कहा. ब्रह्मर्षि ने आरोप लगाया कि संजय के इस रवैये से हम हैरान थे. ऐसा नहीं था कि हम मुस्लिम विरोधी एजेंडे के साथ वहां गए थे. हम चाहते थे कि निष्पक्ष जांच हो. हमने सांसदों और शीर्ष नौकरशाहों से मुलाकात की लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला क्योंकि सरकार अपनी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति में व्यस्त है.

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